लिवर रोग Liver Disease हमारे शरीर से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण अंग है। जो हमारे शरीर के दांये तरफ
एकछोटी फुटबॉल जितनेआकार का होता है। जिसका कार्य हमारे द्वारा किये गए भोजन को पचाने वाले रस का
निमार्ण करना और ब्लड शुगर का नियंत्रण रखना और शरीर को खराब पदार्था से बचाने का कार्य लिवर करता है।
परन्तु कुछ आनुवांशिक ,वायरस संक्रमण , अधिक शराब के सेवन करने से लिवर में सुजन या अधिक नुकसान होने
पर घाव हो जाते है। जिसे सिरोसिस कहा जाता है। जो कि एक बहुत ही गंभीर समस्या है परन्तु इस लेख के द्वारा हम
आपको लिवर (जिगर ) रोग Liver Disease के कारण , लक्षण , जोखिम कारक और इलाज के बारे में सम्पूर्ण
जानकारी देगें जिससे आप अपने जिवन को बेहतर बना सकें।
लिवर (जिगर) क्या है। – What is Liver in Hindi
लिवर (जिगर) Liver Disease हमारे शरीर का दूसरा सबसे मुख्य अंग माना जाता है। जिसका हमारे शरीर में भोजन
को ग्रहण करने पर अपशिष्ट पदार्थो बाहर निकालकर भोजन को पचाने वाले रस का निमार्ण करने का कार्य करता है।
और रक्त को अन्य सभी अंगो में पहुचाने का कार्य भी करता है। लिवर में इन सभी कार्या को करने की अव्यवस्था होने
पर जानलेवा समस्याओं का कारण हो सकता है।
लिवर ( जिगर ) में होन वाली बीमारीयो के प्रकार – Types of Diseases Occurring in the Liver in Hindi
लिवर रोग कहीं प्रकार से हो सकता है। जो निम्न है।
- हेपेटाइटिस A
- हेपेटाइटिस B
- हेपेटाइस C
- फैटी लिवर
- लिवर फेल्योर
- लिवर कैंसर
- हेमोक्रोमैटोसिस
इन सभी बीमारीयों का महत्वपूर्ण कारण लिवर रोग को ही माना जाता है।
लिवर (जिगर) रोग होने के लक्षण – Symptoms of Liver Disease in Hindi
लिवर हमारे शरीर का दूसरा सबसे महत्पूर्ण अंग है जिसमें लिवर रोग होने पर शरीर के निम्न अंगो पर अलग – अलग
प्रभाव देखने को मिलता है। जो निम्न प्रकार है। जैसे-
- पेट के दाय और उपर की तरफ दर्द होना ।
- पेट में सूजन आना
- ऑखों और शरीर की त्वचा का पीला दिखाई देना ।
- गहरे पीले रंग का मूत्र आना ।
- अचानक वजन में कमी आना ।
- खुन की कमी होना ।
- मल में खून आना ।
- उल्टी होना, जी मचलना ।
- टखनो मे सूजन और दर्द होना ।
- शरीर में खुजली होना ।
आदि यह सभी लक्षण लिवर रोग Liver Disease में अधिक प्रभावित हो जाते है।
लिवर (जिगर) रोग होने के कारण – Due to Liver Disease in Hindi
लिवर रोग होना कोई एक समस्या नही है। लिवर में समस्या कहीं। वजह से हो सकती है जो निम्न है।
1.लिवर में संक्रमण होना – लिवर में संक्रमण होने पर सबसे पहले
रोग उभरकर सामने आते है। जिसमें लिवर में सूजन आ जाती है। इसकें पिछे बासी भोजन, खून में संक्रमण होना या
सक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क आने से होता है।
2. पीलिया – पीलिया से हर साल लाखों व्यक्ति शिकार होते है। पीलिया भी लिवर से जुड़ा एक रोग है। जो दूषित पानी
पीने की वजह से होता है।
3. कब्ज (Constipation)– कब्ज होने के कारण भी लिवर रोग होने हो सकता है।
4. शराब का सेवन – शराब का अधिक सेवन करने से लिवर पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है ।
5.डायबिटीज – डायबिटीज से पिडित व्यक्तियों में सही तरीके से इन्सुलिन हार्मोन का निर्माण नहीं हो पाता जिसके कारण
लिवर अपना कार्य पूर्ण नहीं कर पाता लिवर रोग का कारण बन जाता है।
6.रोगप्रतिरोधक प्रणाली का अनियमित होना – रोगप्रतिरोध क्षमता कम या अधिक होने से पर इसका सिधा प्रभाव लिवर पर पड़ता है।
खून में वसा की मात्रा का बढ़ना आदि ।
लिवर (जिगर) रोग में जोखिम कारक – Risk Factors in Liver Disease in Hindi
- मोटापा बढ़ना
- असुरक्षित यौंन संबंध
- शराब की लत लगना
- मधुमेह का होना
- इस्तेमाल की गई सीरीजं का दोबारा उपयोग करना ।
- बाहरी भोजन व फास्ट फूड़ का सेवन करना ।
- अधिक नॉनवेज फूड़ का उपयोग करना
इस तरह की लापरवाही लिवर रोग की समस्या का कारण बन सकता है।
लिवर (जिगर) रोग से बचाव के उपाय – Measures to Prevent Liver Disease in Hindi
लिवर रोग से बचने के लिए सबसे पहला कार्य अपने खाना- पाना पर ध्यान देना अति आवश्यक होता है। क्योकि
ज्यादातर बिमारीया हमारे दुषित और अनियमित खाने के कारण होती है।
ताजे फल सब्जिया का सलाद को अपने भोजन में शामिल करें। अपने लिवर को स्वस्थ रखने के लिए पालक, करेला,
लोकी, टिण्ड़ा , गाजर को अपने भोजन मे शामिल करना आवश्यक है।
शराब का नियमित अधिक सेवन ना करे ।
दवांओ का उपयोग – किसी भी प्रकार की दवां या गोलियो का उपयोग अपने डाक्टर की सलाह से ही करे किसी भी
प्रकार की दवां का उपयोग अधिक ना करें।
मोटापे पर कंन्ट्रोल रखे ।
किसी भी प्रकार के जोखिम भरे कार्य को करने से पहले पूर्ण सुरक्षा का ध्यान अवश्य रखें।
टिकारकरण –लिवर रोग की समस्या में हेपेटाटिस होने का खतरा अधिक हो जाता है। आप अपने डॉक्टर से टिकाकरण
के बारे में सलाह ले।
सुरक्षित यौन सम्बन्ध – यौन सम्बन्ध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल करें।
लिवर ( जिगर ) रोग में होने वाली जांच -Test for Liver Disease in Hindi
लिवर कि जांच करने के लिए डॉक्टर आपके पीछले इतिहास के बारे में पूरी जानकारी लेकर सामान्य परिक्षण किया जाता
है। इसके बाद आवश्यकता के अनुसार रोग का सही तरीके से उपचार करने के लिए और भी निम्न जांचो की आवश्यकता
पढ़ सकती है।
खून की जांच (Blood Test) – लिवर रोग के होने का कारण पता लगाने के लिए रक्त परिक्षण किया जाता है।
इमेजिंग टेस्ट (Imaging Test)- सोनोग्राफी, सीटी स्कैन और एम आर आई टेस्ट से लिवर में होने वाले नुकसान का पता
लगाया जाता है।
लिवर बायोप्सी (liver biopsy)– इस टेस्ट में लिवर के उतक का नमूना लेते है और जांच के लिए लेब में भेजा जाता है
जिससे यह पता लगाया जा सकता है। लिवर रोग कि समस्या किस हद तक पहुच चुकी है।
लिवर ( जिगर ) रोग का इलाज – Treatment of Liver Disease in Hindi
लिवर का इलाज करने से पहले यह पता लगाया जाता है। कि लिवर रोग किस प्रकार का है क्योंकि हमने लेख
में पहले ही बताया है। कि लिवर रोग का कोई एक मुख्य कारण नहीं होता जिस कारण से लिवर को क्षति पहुची है
परिक्षण के जरीये उस कारण का पता लगाकर इलाज किया जाता है।
लिवर रोग होने पर आपका डॉक्टर पहले आपकी डाइट प्लान निरधारित करता है। जिसमें हल्के भोजन और पौष्टिक
तत्व युक्त भोजन को शामिल करता है। ताकि लिवर रोग के जोखिम को कम किया जा सकें।
लिवर रोग अगर सामान्य होता डॉक्टर आपको परिक्षण के बाद गोली दवां और बेहतर आहार की सलाह देकर भी
आपको स्वस्थ कर सकते है।
लिवर( जिगर ) रोग के घरेलु उपाय – Home Remedies for Liver Disease in Hindi
लिवर रोग को ठिक करने के लिए कुछ एसे घरेलु नुस्खो का भी उपयोग कर सकते है। जिनके चलते लिवर
को ताकतवर बनाकर फेटी लिवर और लिवर इन्फेक्शन से आसानी से बचा जा सकता है।
1. लोकी और 20 से 25 पत्तीया हरे धनिया की इन दोनो को मिलाकर एक गिलास जुस निकाल ले और इसमें
एक तीहाई चम्मच हल्दी पाउडर व आधा निबूं मिला ले आप इस जूस में स्वाद के अनूसार काला नमक भी मिला
सकते है। इस विधि को एक सप्ताह तक करने से लिवर की सारी गन्धंगी साफ करके लिवर को ताकतवर बना देता है।
आप इस जूस का उपयोग सूबह नाश्ते के साथ करे इस उपयोग को करते समय पास्ट फूड़ का इस्तेमाल ना करें।
2. किशमिश – 15 से 20 किशमिश रात को एक गिलास पानी में भीगो दे। सुबह इन किशमिश को नाश्ते के समय
खाले और उस पानी को भी पीले यह उपयोग भी लिवर को ताकतवर बनाता है। क्योंकि किशमिश लिवर , किडनी
दोनो के ही लिए फायदेमद होते है। यह खून को बढ़ाने में भी काम आता है।
3. ऑवला – इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी और एन्टी ऑक्सिडेंट पाये जाते जो लिवर हानिकारक तत्वों को निकालकर लिवर को लिवर में आने वाली सूजन को कम करता है।
लिवर (जिगर) रोग के होम्योपैथी उपाय -Homeopathy Remedies for Liver Disease in Hindi
लिवर शरीर के मुख्य अंगों में से एक है जिसे एक ग्रंथि भी कह सकते है। जो मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित रखता है। और पांचन क्रिया में सहायक होता है।
वायरल -बैक्टीरियल इंफेक्शन
इस प्रकार के लिवर समस्या में इलाज के दौरान फास्फोरस दंवा दी जाती है। जो फैटी लिवर , सिरोसिस या अधिक
शराब के सेवन से होता है।
पिलिया के लक्षण दिखना –
शरीर , आंखो और नाखूना में पिलापन दिखाई देना यह भी लिवर रोग के लक्षण है। जो दूषित पानी पीने व दूषित
भोजन करने कि वजह से होता है। इस प्रकार के लिवर रोग में – नक्नवोमिका और मर्कसोल दवा देते है।
बिना डॉक्टर की सलाह से दवां लेना –
कमजोरी होना, पेट के निचले भाग में दर्द होना, वजन अधिक बढ़ना
ऐसे मरीजो के इलाज के लिए कैल्केरिया कार्ब, नक्सवोमिया व सीपिया दवां का उपयोग कर रोगी को स्वस्थ
किया जाता है। परन्तुं किसी भी प्रकार कि दवां का उपयोग करने से पहले अपने चिक्त्सिक की सलाह जरूर लें।