आज हम हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) के बारे मे चर्चा करने जा रहें है जो कि यह समस्या
व्यक्तिगत रूप से आम हो गई है।आप यह जानकर हेरान होगें की भारत में प्रत्येक 8 व्यक्तियों में से
1 व्यक्ति हाई ब्लड़ प्रेशर का शिकार है।और इन सब का एक ही कारण है बदलता जीवन स्तर
हालांकि ’’ विश्व स्वास्थ संगठन ’’ (WHO) के द्वारा इस बीमारी के प्रति जागरूकता फेलाने के लिए कही
अहमं कदम उठाये जा रहे है।जैसे हर वर्ष 17 मई को विश्व रक्तचाप दिवस (World High Blood Pressure Day)
के रूप में मनाया जाता है। ताकि प्रत्येक व्यक्ति इस बीमारी के प्रति जागरूक हो सकेउच्च रक्त चाप दिल से
संबधित बीमारी जिसके चलते शरीर में उपस्थित धमनियों में रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है। हालाकिं यह समस्या ठीक
हो जाती है लेकिन समय पर इसका ईलाजना होने पर यह हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) रोग संबधी बीमारी का रूप ले लेती है।
उच्च रक्तचाप क्या है – What is High Blood Pressure
उच्च रक्तचाप को और भी कहीं नामों से जाना जाता है। जैसे ’’हाई ब्लड़ प्रेशर ”,’’हाइपरटेंशन’’ परन्तु आप हाई ब्लड़
प्रेशर से पहले यह जान ले की ब्लड़ प्रेशर क्या है।
रक्तचाप (ब्लड़ प्रेशर)
जैसा की आप सब जानते है की हमारे शरीर से रक्त दिल में और दिल से शुध रक्त शरीर में जाता है। इस रक्त
प्रवाह के कारण दिल के द्वारा पम्प करने पर नसों व धमनियों के अन्दर पड़ने वाले दबाव को रक्तचाप कहलाता
है।
हाई ब्लड़ प्रेशर (हाइपरटेंशन)
आप सामान्य तौर पर तो जानते ही होगें की जब कभी भी हम दौड़ते है या कोई हार्ड वर्क करते है तब हमारा ब्लड़ प्रेशर
बड़ जाता है लेकिन यह कोई बीमारी का रूप नही है यह एक सामान्य क्रिया है।हाई ब्लड़ प्रेशर का मतलब है कि
सामान्य अवस्था से (120/80) के उपर किसी व्यक्ति का ब्लड़ प्रेशर का बढ़ना है। यह हमारे शरीर के हार व्यवहार
पर निर्भर करता है क्योंकि एक दिन में हम कही बार गुस्सा करने ,चिंता, हसने का कार्य करते है।देखा जाय तो
यह हृदय के पम्प करने की गति पर निर्भर करता है।
स्फैग्मोमैनोमिटर – Sphygmomanometer
इस यंत्र के द्वारा रक्त चाप को मापा जाता है। इसे व्यक्ति के हाथ पर लपेटकर पम्प द्वारा दबाया जाता है जिससे मशिन मे
उपस्थित बॉल उर निचे होती है व्यक्ति के रक्तचाप के अनुसार यह बॉल वहा आकर अटकने लगती है जिससे यह पता
लगाया जा सकता है व्यक्ति का रक्तचाप कितना है रक्तचाप को हमेशा उच्च और निम्न रूप में दर्शाया जाता है। परन्तु
स्वस्थ शरीर के लिए दोनो ही माप का सही होना आवश्यक है। सामान्य उच्च माप की संख्या 120 और सामान्य निम्न माप
संख्या 80 होती है।
सिस्टोलिक उच्च रक्त माप संख्या Upper Number Systolic Blood Pressuretolic Blood Pressure
इसे पहला माप कहते है यह बताता है की धमनियों की दिवारो पर कितना दबाव पड़ रहा है।
डायस्टोलिक निम्न रक्त माप संख्या Lower Number Diastolic Blood Pressure
इसे दूसरा माप भी कहते है। इससे पता चलता है कि दो धड़कनो के बिच दिल कितने समय के लिए रेस्ट करता है
और धमनियो कि दिवारों पर कितना दबाव पड़ रहा है।
उच्च रक्तचाप के लक्षण – High BP (High Blood Pressure) Symptoms
इसे साईलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है क्योकि यह अपने नाम की हि तरह कार्य करता है। ज्यादातर
कैस में देखा गया है कि ब्लड़ प्रेशर हाई होने के कोई लक्षण ही नही दिखाई देते लेकिन अधिक बढ़ने पर
इसके लक्षण दिखाइ देने लगते है जैस
1.अधिक घबराहट हाना
2. अचानक का धूधंला दिखाई देने लगना
3. छाती में दर्द होना
4. सांस लेने में तकलीफ हाना
5. अनियमित दिल का धड़कना
6. अधिक सर दर्द करना
7. थकान का अधिक होना
8. हाथ पैरो का सुन्न होना आदि।
उच्च रक्तचाप होने के कारण – High BP (High Blood Pressure) Causes and Risk Factors
अगर उच्च रक्तचाप की बात करें तो प्रकृति प्रकोप की गणना में और रोग आसानी से गीने जा सकते है।
लेकिन हाई ब्लड़ प्रेसर का होना बहुत कुछ दोष लोगों की अपनी अव्यवस्थित जीवन शैली पर ही निर्भर करता है।
अगर अपने आहार, स्वभाव, के दृष्टिकोण को अच्छा बनाये रखकर, अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करके और सोचने
की क्षमता को अच्छा बनाकर इस महासंकट से बचे रह सकते है। जैसे-
खाने मे ज्यादा नमक खाना :-
यदि आप खाने में नमक का ज्यादा इस्तेमाल करते है। तो यह ब्लड़ प्रेशर का कारण बन सकता है।
तनाव में रहना :-
अगर देखा जाय तो तनाव का ज्यादातर बीमारीयों के कारणों में शामिल होना साधारण है। इसलिए तनाव से बचें।
मोटापा बढ़ना :-
एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए मोटापा व वजन का बढ़ना अच्छा नहीं माना जाता क्योंकि इसके बढ़ने के साथ-साथ
बीमारीयों को भी बढ़ना संभव है।
धूम्रपान/शराब का सेवन करना :-
धूम्रपान में निकोटीन और शराब मे एल्कॉहोल होने के कारण इसका सेवन करने वाले व्यक्तियों में उत्तेजना बढ़
जाती है। जिस से भी आप ब्लड़ प्रेसर का शिकार हो सकते है।
महिलाओं के लिए गर्भ निरोध गोलिया :–
– महिलाओं में अनचाहें गर्भ के दौरान दि जाने वाली गोलियों से भी उच्चरक्त चाप का अधिक खतरा होता है।
जक फूड़ / बाहरी भोजन का सेवन करना :-
ऐसा करने वाले व्यक्तियो का कोलेस्ट्रोल अधिक होने के कारण ब्लड़ प्रेसर अधिक बढ़ जाता है।
आनुवांशिकता :-
इसका एक कारण यह भी हो सकता है। क्योंकि आनुवांशिकी के कारण लक्षण एक पीढ़ी से दुसरी पीढ़ी में
चले जाते है।
आरामतलब जीवन व्यतित करना :-
ऑफिस वर्क करने वाले व्यक्ति 8से10 घटों का समय कम्प्युटर के सामने बेठे रहकरकाम करने मे ही निकल
जाता है। इसके चलते यह लोग शारीरिक एक्सरसाईज से दूर हो जाते है।
ब्लड़ प्रेशर के उपाय – Blood Pressure Measures
उच्च रक्तचाप की बीमारी अधिकांश लोगों में देखने को मिलती है और इसके चलते यह बीमारी कहीं लोगों की मौत
का कारण भी बन गई है। ऐसा होने का एक हि कारण है। लोग इसे लाइलाज बीमारी समझते है। जबकी इस रोग के
निदान के लिए कहीं दवांया उपलब्ध है। अधिकतर बढ़ते हुए ब्लड़ प्रेशर को घटाने के लिए ” रावलफिया डिरोवेटिक्स
केसर पाईन, अल्फायेथाडीपा ,अल्डोमेट, प्रोपोलालीन ,इन्डेरेल ’’आदि दवॉइया दी जाती है।इनके सेवन करने से
धमनियों की दिवारों से कठोरता खत्म होकर मुलायमता आती है। जिससे ब्लड का बहाव पूर्ण रूप से होने लगता है
और धमनियों का दबाव कम हो जाता है।
ब्लड़ प्रेशर का घरेलु उपाय – Home Remedy For Blood Pressure
अदरक, इलाइची, व दालचीनी इन तीनों मसालों से बनी चाय का सेवन करें यह रक्त के बहाव को
नियत्रित रखता है।
प्याज :
प्याज में ’’व्केरसेटिन’’ फनतमबमजपद नामक शक्तिशाली एंटीआक्सीडेंट होता है। जो उच्च रक्त चाप को कम करने में मदद करता है।
लहसुन :
इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते है। जो ब्लड प्रेशर को कम करते है। लहसुन में हाइड्रोजन सल्फाइड और नाइट्रिक
ऑक्साइड के निर्माण का बढाते है। जो रक्त वाहिनीयो को आराम देते है।
पुदीना :
पुदीने की सुखी पत्तीयों को पाउडर एक चम्मच और निबू का रस मिलाकर पिने से भी रक्तचाप को कम कर
सकते है।
शहद :
सुबह नाश्ते से पहले दो चम्मच शहद खाने से रक्तचाप सही तरीके से व्यवस्थित रहता है यह रामबाण उपाय है।
कच्चा पपीता :
इसमें कही बीमारीयो को रोकने की क्षमता होती हैं। क्योंकि इसमें सोडियम, जिंक, मैन्गीशियम, फॉस्फोरस और मल्टी-
मिटामिन होते है।
उच्च रक्तचाप का आयुर्वेदिक उपचार – Ayurvedic Treatment of Hypertension
अगर आयुर्वेद की बात करे तो ब्लड प्रेसर को कम करने की सबसे चर्चीत औषधी ’’सर्प गंन्धा ’’ है इसका वैज्ञानिक
नाम (राकैल्फिया सर्पेटिन) है। सर्प गंन्धा की जडो से निकलने वाले रस का उपयोग ब्लड़ प्रेशर के लिए किया जाता है।
मुक्तावटी :
यह एक पूर्णरूप से आयर्वेदिक दवॉइ है इस दवॉइ का सेवन करीब 10 लाख लोग कर रहें इसके प्रयोग से शत् प्रतिशत उच्च रक्तचाप समाप्त हो जाता हैं।
बादाम रोगन या गाय का घी :
तीन दिन तक सुबह शाम नाक में गाय का घी डालने से भी ब्लड प्रेसर नियत्रित रहता है।
मेधावटी :
इसकी दो-दो गोलियो का सुबह शाम सेवन करने से ब्लड प्रेसर मे काफी फायदा मिलता है।
होम्योपैथी दवॉइया -Homeopathy Medicines
यह एक ऐसा सिस्टम है जिसका प्रयोग करके यह पता लगाया जाता है की एक दवा से किसी स्वस्थ व्यक्ति में क्या लक्षण
पैदा हो सकते है। उन्ही लक्षणों से ग्रस्त अन्य व्यक्ति को ठिक किया जाता है। होम्योपैथी की मामूली खुराक से भीहाई
बी. पी. को ठिक किया जा सकता है। और इससे कोई दुष्प्रभाव भी नही पड़ता है। जैसे कीहाई ब्लड प्रेशर को ठीककरने
के लिए सामान्य रूप से प्रयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवॉए निम्न है।
1.बेरिएटा म्यूरिएटिकम (Baryta muriaticum)
2. ग्लोनॉइन (glonoine)
3. ऑरम मेटालिकम (auum metallicum)
4. विस्कोम एल्बम (viscum album)
5. क्राटीगस (crataegus)
उच्च रक्तचाप को रोकने के उपाय – Prevention Of High BP (High Blood Pressure)
बीपी को रोकना कोई बडी समस्या नहीं हेे। क्योकि इसे रोकने के लिए हमें अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए जीवन
स्तर में बदलाव लाना पडेगा जो कोई बडी समस्या नहीं है।
संतुलित आहार लेना :-
भोजन हमारे जीवन की एक महत्वपूर्ण कढी है होते हुए भी इसके प्रति लापरवाही करते है। जबकी भोजन हमेंशा दिन
तीन से चार करना चाहिए सलाद का उपयोग करे ,सब्जीयों का सेवन ज्यादा करें, ऋतु फल का सेवन अधिक करे
वजन को बढने से रोके :-
बाहर का खाना पास्ट फूड का ज्यादा ना खाऐ दूध,दही, घरेलू चीजो और अन्य लो फैट सामग्री को डाइट में शामिल
करें स्वस्थ रहें।
एक्ससाईज :-
आप अपने आप को स्वस्थ रखना चाहते है औा बीपी को बढने से रोकना चाहते है। तो रोजाना 30 मिनट व्यायाम करना
आवश्यक है।योग करना बीपी ,शुगर , हृदय जैसी गभीर बीमारी को राकने की क्षमता होती है।
नशे से बचें :-
नशा हमारे जीवन में एक दुष्मन की तरह है जिससे बच के रहने में ही हमारी भलाई होती है जैसे शराब , तम्बाकू , का
सेवन ना करे यह ब्लड प्रेसर को बढाने में प्रभावी होते है।
ब्लड प्रेशर की जांच :-
हाई बीपी का पता लगाना सरल ही है। बीपी बढने पर डॉक्टर एक सप्ताह में कई तार बीपी टेस्ट करने की सलाह देते है।
क्योंकि एक बारके टेस्ट से हाई बीपी का पूर्ण रूप से पता नही लगाया जा सकता कही बार यह मौसम के परिवर्तन पर
भी निर्भर करता है। इसका परीक्षण कही तरीको से लगाया जा सकता है।
1. यूरिन टेस्ट
2.कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग
3. ई़़. सी. जी.
यह जॉच डॉक्टको हाई बीपी के अन्य संभावित कारणों की पहचान करने में मदद करत है।
हाई बी .पी .से होने वाले खतरे – Diagnosis Of High BP (High Blood Pressure)
हार्ट अटैक आने का खतरा : –
बीपी हाई होने पर हार्ट अटैक के आने के 70 प्रतिशत तक के मामले सामने आते है।
किडनी की क्षमता कम होना : –
बीपी हाई होने से शरीर मे कही परेशानीया होने लगती है। लम्बें समय तक ठीक न होने पर किडनी भी खराब हो सकती है।
कोरोनरी आर्टिरी बीमारी का होनो :-
हाई ब्लड प्रेशर के लंबे समय तक लाइलाज रहने पर यह कोरोनरी आर्टिरी बीमारी का कारण बन सकता है।
मस्तिष्क में रक्त का थक्का बनना : –
लगातार लम्बें समय से हाई बीपी रहने पर मस्तिष्क में उपस्थित धमनियों में ब्लॉकेज होने लगते जिसके चलते लकवा
’’पेरालाइसिस ’’ होने का खतरा हो सकता है।
यादास्त और समझने की क्षमता कम होना : –
किसी भी कार्य या बात को याद रखने की क्षमता बीपी के मरीजों मे आम बात होती है।
बीपी से होने वाली मृत्यु :-
ब्लड़ प्रेसर को अनदेखा करने पर कहीं और भी बीमारीयों का शिकार होने से मृत्यु भी हो सकती है।
इसलिए ब्लड़ प्रेसर को लेकर कभी अनदेखी ना करे ।