हर्निया (Hernia) हमारे पेट के अंदर उपस्थित आंत से जुड़ा रोग है। जो हमारे पेट में उभार के रूप में होने वाला रोग है।
यह कभी -कभी पेट और जांग के बीच की जगह में भी उभार के रूप में हो सकता है। हर्निया (Hernia) होने के पीछे
हमारे पेट में आंत का एक झील्ली में चिपकना है। जो पेट के अंदर एक खोखली जगह से उभार पेदा करता है।
आज हम आपको इस लेख के द्वारा हर्निया (Hernia) के होने के कारण , लक्षण , बचाव व इलाज के बारे में सम्पूर्ण
जानकारी देने जा रहें।
हर्निया क्या है ? – What is Hernia in Hindi
हमारे शरीर में कुछ अंग खोखली जगहो पर होते है। एक पतली झील्ली से ढके होते है किसी कारण अगर
यह झील्ली फट जाती है। तो कुछ अंग खास करके पेट में उभार के रूप में आंत बाहर की और निकल आती है
गंभीर समस्या को हर्निया (Hernia) कहा जाता है। हर्निया ज्यादातर घातक नही होते लेकिन यह अपने आप ठिक भी
नही होते हर्निया के उभरने से रक्तवाहिकाओं पर दबाव पड़ता है। आपको कहीं स्थितीयों में कम ज्यादा दर्द
भी हो सकता है। हर्निया (Hernia) का असर पूरूषो में कमर के भाग में अधिक होता है।
हर्निया कितने प्रकार के होते है – What are the Types of Hernia in Hindi
सामान्य रूप हर्निया पांच प्रकार कहा होता है।
अम्बिलिकल हर्निया – यहं 6 माह से कम उम्र के बच्चो में देखा गया है। हर्निया के प्रकारो में एक ऐसा प्रकार है
जिसमें पेट की मजबूत मासंपेशियों के चलते स्वत ही ठिक हो सकता है। परन्तु बच्चे की उम्र हर्निया रोग के
चलते 1 वर्ष हो जाय तो फिर सर्जरी के द्वारा ही ठिक किया जा सकता है।
- इंसिजनल हर्निया – हर्निया का यह प्रकार तब उभर के सामने आता है जब आंत या आंत की आस- पास की
जगह सर्जरी के कारण कमजोर होने से हर्निया का रूप ले लेता है।
- स्पोर्ट्स हर्निया – हर्निया के इस प्रकार में पेट तथा जांघ के भाग में टाइट कपड़ो या अन्य किसी दबाव के कारण
उतक के फटने से स्पोर्ट्स हर्निया होता है। इस प्रकार के हर्निया में जरूरी नहीं हर्निया उभरकर बाहर आये यह
समस्या उतक के फटने की भी हो सकती है। इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर एथलेटिक पुबल्गिया नामक प्रयोग
करने की सलाह देते है।
- हाइटल हर्निया – इस प्रकार का हर्निया 50 वर्ष से अधिक उर्म वालो में अधिक देखा जाता है। लेकिन बच्चो में इस
प्रकार के लक्षणों के दिखने का कारण जन्मजात माना जाता है।
- इनगुइनल हर्निया – इस प्रकार के हर्निया को समान्य हर्निया कहा जाता है। 70 फिसदी हर्निया के मामले इनगुइनल
हर्निया होते है। हर्निया के इस प्रकार में पेट के अंदर की परत में छेद हो जाता है और आंत उभर के बाहर की तरफ
पेट का हिस्सा निकलने लगता है। इनगुइनल हर्निया महिलाओं की अपेक्षा पुरूषों में अधिक होता है। हर्निया का यह
प्रकार पुरूषों में ग्रोइन में पाया जाता है ’’जहां शुक्राणु कॉर्ड पेट से अंडकोश में प्रवेश करते है।’’
हर्निया के लक्षण – Symptoms of Hernia in Hindi
हर्निया के लक्षणों में मुख्य लक्षण पेट और जांग के उपरी हिस्से में उभार होना है परन्तु हर्निया रोग के
और भी निम्न प्रकार के लक्षण हो सकते है।
- पेट में दर्द होना
- लगातार खांसी का चलना
- पेट से आंत का उभर के बाहर आना
- लंबे समय तक खड़े या बेठे रहने पर दर्द होना
- पेशाब करने पर दर्द या जलन होना
- किसी चिज को निगलने में परेशानी होना
- जननांग क्षेत्र में सुजन का आना
- गाठ का महसूस होना
- महिलाओं में हर्निया रोग गर्भाशय से जुड़ा होता है।
बच्चों में हर्निया के लक्षण – Symptoms of Hernia in Children in Hindi
- पेट का पूर्ण तरीके से गोल दिखाई देना
- उल्टी का अधिक होना
- पेट में दर्द होना
- चिड़चिड़ापन होना
- बुखार का बने रहना
इन लक्षणों के दिखाई देने पर तुरन्त अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें ।
हर्निया रोग का कारण – Cause of Hernia in Hindi
हर्निया रोग होने के पिछे कोई एक मुख्य कारण नहीं है। परन्तु हर्निया रोग कहीं कारण की वजह से हो सकता है।
जिसके लिए निम्न कारण उत्तरदायी है।
- वजन का बढ़ना
- लम्बे समय से खांसी व छीको का चलना
- पुरानी सर्जरी का होना
- पेशाब का रूकना
- गर्भावस्था
- चोट लगना
- अण्डकोश में चोट लगना
- स्टेरोइड्स का अधिक सेवन करना
- इम्यूनोसप्रस्सिव दवांइयो का उपयोग
- धूम्रपान
- कब्ज आदि।
हर्निया से कैसे बचें – How to Avoid Hernia in Hindi
हर्निया कोई बीमारी विषेश नहीं है यह शरीर में होने वाली परेशानीयो से होने वाली समस्या है। हर्निया
रोग से बचने के लिए छोटे -छोटे कारणों नजर अंदाज करने को रोकना होगा ।
वजन को कंट्रोल रखे वजन को बढने ना दे ।
कब्ज होने पर इसका निदान करें भोजन व्यवस्था बनाये रखे।
रेशेदार फलो का सेवन करें
सावधानिया
1.शराब , धूम्रपान और अन्य मादक पदार्थो के सेवन से बचें
2.चाय, कोफी का ज्यादा सेवन ना करें
3.भोजन को व्यवस्थित तरीके से करे एक साथ ज्यादा भोजना ना करें
4.मीट ,मांस का सेवन ना करें।
हर्निया की जांच – Hernia Test in Hindi
हर्निया का इलाज करने से पहले आपका डॉक्टर आपके शारीरिक स्थिती के बारे में सम्पूर्ण जानकारी लेता है।
जैसे दर्द , उल्टी आदि आपे के पेट की कोमलता भी जांच कि जाती है। अन्य निम्न है।
1.एक्स-रे
2.सोनोग्राफी
3.सीटी स्कैन आदि जांच के माध्यम से हर्निया कि स्थिती का पता लगाया जाता है।
हर्निया का इलाज – Hernia Treatment in Hindi
हर्निया के उपचार के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही उपचार करवाय क्योंकि वह आप के हर्निया के
परिक्षण आपके रोग की स्थिती को पूर्ण रूप से भापने के बाद ही आपको सलाह दे सकता है। की यह समान्य
अवस्था में या गंभीर रूप ले चुका है।
कुछ हरर्निया के सामान्य प्रकार ऐसे भी होते है जिन्हें जीवन शैली में बदलाव लाकर रोका जा सकता परन्तु पूर्ण
रूप से ठिक नहि किया जा सकता।
हर्निया रोग बढ़ता देख डॉक्टर इसके इलाज सर्जरी करने को कहते है जो दो प्रकार से कि जा सकती है।
ओपन सर्जरी – इस प्रकार की सर्जरी में मरीज सर्जरी के बाद छ माह तक चलने फिरन और झकने की लिए
मना किया जाता है।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी – इसमें जनरल एनेस्थेसिया लोकल सर्जरी करते है जिसमें बहुत ही छोटे केमरे व उपकरण
का उपयोग से छोटा चीरा लगाया जाता है इसमे मरीज जल्दी ही घूम फिर सकता है। लेकिन लेप्रोस्कोपिक में
दौबार हर्निया होने का खतरा होता है। क्योंकि हर प्रकार के हर्निया में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी उपयोगी नही होती है।
हर्निया का घरेलु उपाय – Home Remedy for Hernia in Hindi
अलसी – गर्मिया में अलसी की एक चम्मच और सर्दीयो में तीन चम्मच दिन में एक बार सेवन करना चाहीए क्योकि यह ओमेगा -3 और हायटल हर्निया के लिए बहुत ही उपयोगि है।
मेथी दाना – रात के समय एक या दो चम्मच मेथी दाना भीगो के रखे और सुबह उसे चबाकर खाऐं और उसके पानी को घूट -घूट कर पिये।
ऐलोवेरा – हफ्ते मे कम से कम दो बार एलोवेरा जूस का सेवन करे ।
हर्निया का होम्योपैथिक इलाज – Homeopathic Treatment for Hernia in Hindi
होम्योपैथिक में हर्निया का इलाज प्राकृतिक रूप से किया जाता है। क्योकि इसमें पौधों और खनिज से तैयार
घोल से बनी दवांओ का उपयोग किया जाता है । इन दवांइयो से लक्षणो को भी कम किया जाता है। होम्योपैथिक
इलाज के द्धारा हर्निया को समाप्त किया जाता है।
एस्कुलस हिप्पोकैस्टेनम (Aesculus Hippocastanum)
साइलीशिया ( Silicia)
नक्स वोमिका (Nux Vomica)
कैल्केरिया कार्बोनिका (Calcarea Carbonica)
हर्निया के लिए योग – Yoga for Hernia in Hindi
नोकासन- इस आसन में निचे बैठकर पेरो को हाथो के सहारे उपर उठाकर नाव कि आकृती या अग्रजी के वी की
आकृती बनाइ जाती है।
उत्तानासन– यह योग करने के लिए दोनो पेरो को मिलाकर सिधा खडा होकर अपन पेरो को पिडलीयों से पकड
कर सिर को घुटनो से लगाना होता है।
हनुमान आसन – यह आसन करने के लिए अपने पेर एक घुटने पर बेठकर हाथ को जोडकर शरीर को पिछे
की और लेजाना होता है।