पेट में गैस (Gas in Stomach) होना एक आम समस्या है। जिसे पेट का फूलना भी कह सकते है। इस समस्या से हर
कोई पिडित है।पेट की गैस बच्चों में बड़ो और बूढ़ो में किसी भी उम्र में होने वाली समस्या है। पेट में गैस (Gas in
Stomach) होने के पीछे सबसे बड़ा कारण हमारी बदलती जीवन शैली है। जिसके चलते अधिक चटपटा भोजन, जंक
फूड का सेवन, अधिक भोजन करना, अधिक समय तक खाली पेट रहना यह सभी कारण पेट में गैस होने के जिम्मेदार है।
परन्तु इस लेख के द्वारा आजआपको पेट की गैस (Gas in Stomach) के लक्षण , कारण, उपायो की पूरी जानकारी देगे
जिससे आप और आपके परिवार को हमेशा स्वस्थ रख सकते है।
पेट में गैस होना क्या है?- What is Gas in Stomach in Hindi
पेट में गैस (Gas in Stomach) होने का सबसे बड़ा कारण भोजन की अव्यवस्था को ही माना जाता है वैसे पेट
में गैस होने के और भी कही कारण हो सकते है। हमारे भोजन का पांचन करने का कार्य जठर ग्रन्थिया करती है।
इन ग्रन्थियो का सही से कार्य नहीं करने पर हाइड्रोजन, कार्बनडाइऑक्साइड और मिथेन गैस निकलती है।
जो पेट कि गैस का कारण होती है।
पेट में गैस के लक्षण – Symptoms of Gas in the Stomach in Hindi
पेट में गैस होने पर कहीं प्रकार के लक्षण उभर के सामने आ सकते जो निम्न है।
- बार -बार गैस का आना।
- गैस निकलने पर गंदी बदबू आना।
- पेट फूलना।
- पेट में और नाभि के निचे दर्द होना।
- खटटी डकार आना।
- सिर दर्द और चक्कर आना।
- किसी काम में मन नही लगना।
- मल त्यागने में अधिक ताकत लगाना।
आदि सभी लक्षण पेट में गैस होने पर उभर कर सामने आते है।
पेट में गैस होने के कारण – Due to Gas in Stomach in Hindi
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में होने वाले समस्त रोगा का कारण शरीर में वात , पित और कफ के असंतुलन
का दूष्प्रभाव होता है। इन तीनों के असंतुन से ही शरीर में समस्त रोग उत्पन्न होते है। पेट में गैस बनना शरीर
में वात की समस्या है। जो कही कारणो से उत्पन्न हो सकती है। पेट में गैस कि समस्या से अधिक समय तक
ग्रसित रहने से कही प्रकार की बीमारीया का कारण बन सकता है।
पेट में गैस के निम्न कारण –
- जंक फूड या तली-भूनी चीजो का अधिक सेवन करना।
- एक बार में ही अधिक भोजन करना।
- भोजन को अच्छे से चबाकर नही खाना।
- अधिक शराब पीना।
- सीगरेट और तम्बांकू का सेवन करना।
- मानसिक तनाव।
- सुबह के समय खाली पेट चाय का सेवन करना।
- खाली पेट रहना ।
- अधिक चाय कॉफी का सेवन करना।
- भोजन करने के तुंरत बाद सो जाना।
- किसी को दूध पीने से भी गैस कि समस्या होना।
- गोभी, बेसन, फ्राई आलू, छोले खाने पर भी कहीं व्यक्तियो को गैस की समस्या हो जाती है।
- गर्भवती महीलाओं में भी गैस की समस्या देखी जाती है।
- ठंडा या बासी भोजन करना।
यह सभी कारण पेट की गैस का कारण बन सकते है।
पेट की गैस से कैसे बचें – How to Avoid Stomach Gas in Hindi
1.खाघ्य पदार्थो का सेवन – हमारे खाने योग्य पदार्थो में से कुछ ऐसे पदार्थ भी होते जिनका सेवन करना अधिकतर व्यक्तियों
में पेट की गैस का कारण बन जाते है। जैसे- फूलगोभी, बंदगोभी, राजमा, मसूर की दाल, फ्रॉय आलू और कुछ ऐसे भी पेय
पदार्थ होते है। जो पेट में गैस के कारण हो सकते है। ऐसे पदार्थो का सेवन कम करदे।
कही व्यक्तियों को दूध पीने से भी पेट में गैस की समस्या होती जिसके चलते दूध और दूध से बनें चीजो का सेवन करने
से बचें।
2.वसा युक्त भोजन – भोजन में कम वसा युक्त पदार्थो को उपयोग में ले।
3.खाना चबाकर खाऐं- भोजन करते समय पूरा ध्यान भोजन करने में लगाऐ और भाजन को अच्छे से चबाकर खाऐं।
4.धूम्रपान – जो व्यक्ति धूम्रपान करते है। उन व्यक्तियों में भी पेट में गैस कि समस्या अधिक होती है। इसलिए धूम्रपान से
बचें।
5.दवांइयो का सेवन – कई बार पेट में गैस होने का कारण दवांइयो का लम्बें समय तक सेवन करना भी होता है। इसलिए
दवांओ का सेवन डॉक्टर कि सलाह से ही करे।
6.जंक फूड– बाहरी तला-भूना मसालेदार फास्ट फूड का सेवन कम करदे यह भी पेट में गैस का बहुत बड़ा कारण है।
पेट की गैस की जांच – Stomach Gas Test in Hindi
- सामान्य जानकारी – पेट में गैस होने पर आपका चिकित्सक आपसे पिछले मेडिकल इतिहास की जाकनकारी लेता है।
जिससे यह पता लगाया जाता है। कि आपकी परेशानी पहले से कम हुई है। या बढी है और इसके चलते कोई अन्य रोग
से पीडित होने की संभावना तो नहीं है।
- एक्स-रे (x-ray) – यह पेट में गैस होने का पता लगाने के लिए कि जाने वाली सामान्य प्रक्रिया है जिससे गैस होने के साथ -साथ पेट की सूजन का भी पता लगाया जा सकता है।
- बेरियम टेस्ट (barium test)– इस टेस्ट में रोगी को बेरियम का घोल पीलाया जाता है। फिर एक्स-रे किया जाता है। जहॉ पर गैस होती है वहा पर एक्स-रे में धून्धला दिखाई देता है। जिससे रोगी का इलाज आसानी से किया जा सकता है।
- इमेंजिंग टेस्ट( imaging test)– इस टेस्ट में अल्ट्रासाउंड, सीटी सकैन, और एमआरआई को शामिल किया जाता है। इस टेस्ट से यह पता लगाया जाता है। पेट का आकार शरीर के अंदरूनी अंगो के बढ़ने से फेला है। या कोलेस्ट्रोल की अधिकता के कारण पेट का आकार बढ़ा है।
पेट की गैस का इलाज – Stomach Gas Treatment in Hindi
जब भी पेट में गैस की समस्या होती है। तो खाली पेट खाने के लिए कैप्सूल या गोलीया दी जाती है। जिससे
सामन्य गैस की समस्या समाप्त हो जाती है।
लेकिन पेट में गैस की परेशानी लम्बें समय से हो तो डॉक्टर आपको जांच करवाने कि सलाह देते है जिससे
पता लगाया जाता है। पेट में गैस होने का मुख्य कारण क्या है। और इलाज शुरू किया जाता है।
बीनो (Beano)- इस दवां को आप बिना डॉक्टर कि पर्ची से भी सिधा मेडिकल स्टोर से ले सकते है। बीनो का उपयोग
शरीर में वसा को पचाने कि क्षमता कम होने कि स्थिती में लिया जाता है।
जुलाब – पेट में या आंतो में गैस कि समस्या होने पर कुछ व्यक्ति जुलाब के लिए दवांओ का उपयोग करते है।
पेट की गैस का घरेलू उपाय -Home Remedy for Stomach Gas in Hindi
अगर पेट कि गैस कि बात करें तो आयुर्वेद में इस रोग को वात कि समस्या कहा जात है। जो हर किसी
व्यक्तियों को कभी न कभी पेट में गैस कि समस्या से गुजरना पड़ता है। इस परेशानी से निजात पाने के लिए
निम्न प्रकार के घरेलू उपायों का प्रयोग किया जा सकता है।
- अजवाइन – पेट में गैस होने व गैस की वजह से पेट दर्द करने पर एक छोटा चम्मच अजवाइन को तवे पर सेक
ले और इसे पानी के साथ सेवन करे कुछ ही समय में पेट की गैस समाप्त होने के साथ पेट दर्द में भी आराम मिल
जाता है। और अजवाइन को नमक के साथ पीने से भी गैस को समाप्त किया जा सकता है।
- पानी – हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। एक दिन में 3 से 5 लीटर पानी कि
आवश्यकता होती है। पानी की कमी के कारण भी पेट में गैस कि समस्या होती है।
- हरड़ – हरड़ का सेवन करने पर पेट की गैस से निजात पा सकते है।
- नीबू – सूबह के समय एक नीबू के रस में काला नमक मिलाकर शिकंजी बनाकर सेवन करने से कुछ
ही दिनो में पेट कि गैस में आराम मिलता है।
- सलाद – भोजन के साथ भरपूर मात्रा में सलाद का उपयोग करने पर भोजन को पचाने में आसानी होती है।
जिससे गैस की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।
पेट की गैस का होम्योपैथिक इलाज – Homeopathic Treatment for Stomach Gas in Hindi
- लाइकोपोडियम क्लेवेटम( lycopodium clavatum) – इसे क्लब मॉस के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग भोजन पचाने में परेशानी होने पर किया जाता है।
स्टार्च युक्त खाने से गैस होने पर
खाना खाने के बाद डकार के साथ खाना मुंह मे आने पर
पेट फूलने पर
- कार्बो वेजीटेबिलिस (Carbo Vegetables)- इसे वेजीटेबल चारकोल भी कहते है। इसका उपयोग
पेट में भारीपन महसूस करने
लेटने पर पेट में दर्द होना ।
खाने के बाद लेटने की आदत होने वाले व्यक्तियो में यह समस्या होती है। उन व्यक्तियों के लिए यह दवां उपयोगी है।
- एंटीमोनियम क्रूडम (Antimonium Crudum)- इस दवां का इस्तेमाल चिड़चिड़ापन होने
भूखन लगना ।
बार -बार डकार आना।
गर्मी और शाम के समय लक्षण और अधिक सक्रिय होना।
सीने में जलन , जी मचलना उल्टी आदि कि समंस्या होने पर इस दवां का उपयोग किया जाता है।
पेट की गैस में उपयोगी योगा आसन – Useful Yoga in Stomach Gas in Hindi
1. .बालासन
2.कपाल भाती प्राणायाम
4.मंडूकासन
.पवन मुक्ता आसन