डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) भारत में भले हि दूसरी लहर का पतन होता नजर आ रहा है
लेकिन फिर भी कुछ राज्य ऐसे है जिनमें 5 से 10 प्रतिशत कोरोना मरीजो के आकड़े अभी भी दर्ज किये जा
सकते है। परन्तु समस्या यहा समाप्त नही होती क्योंकि देश में अभी कोरोना के डेल्टा वेरिऐंट का ही सामना
कर रहें थे कि कारोना की तीसरी लहर का आगाज करते हुए कोरोना का नया वेरिऐंट डेल्टा प्लस (Delta Plus
Variants) के लगभग देशमें 40 मामले सामने आये है। अब तक सूचनाओ के अनुसार सबसे अधिक डेल्टा प्लस के
मामले महाराष्ट्र में देखे गए है। एक्सपर्ट डेल्टा प्लस को डेल्टा वेरिऐंट से भी ज्यादा डेन्जरस बता रहें है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने
इसे वेरिऐंट ऑफ कंसर्न करार देते हुए इसे डेल्टा वेरिएट से भी अधिक खतरनाक बताया है। जिसके बारे
में हम आज आपको इस लेख के द्वारा लक्षण , कारण, उपाय के बारे में जानकारी देगें जिससे आप डेल्टा प्लस
वेरिएंट (Delta Plus Variants) से बच सकें।
डेल्टा प्लस वेरिएंट क्या है? – What is Delta Plus Variant in Hindi
डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variants) भारत में आई दूसरी लहर के पिछे जो मुख्य कारण था उसे
डेल्टा वेरिएंट का नाम दियागया था । जिसमें हम सभी ने देखा था की जो व्यक्ति कारोना वैक्सिन लगाने
के बाद भी संक्रमित हुए थे।और जो पहले कोरोना से संक्रमित हुए व्यक्ति थे उनमें भी संक्रमण को देखा
गया था जो बहुत तेजी से फेलने वाला वायरस था जिसने बहुत तेजी से बीमारी को फेलाया था। परन्तु नये
वेरिएंट के लक्षण को देखते हुए इसको अधिक घातक बताया जा रहा है। इसलिए इसे डेल्टा प्लस वेरिएंट
(Delta Plus Variants) नाम दिया गया है।
देश किन राज्यों में है डेल्टा प्लस के मरीज – Which States of The Country Have Delta Plus Patients in Hindi
देश और दुनिया में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से उभरा ही नहीं था। कि कोरोना ने रूप बदलकर फिर हमला
कर दिया कारोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने देश में तीसरी लहर का खतरा पेदा कर दिया है। क्योंकि अब तक भारत
के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variants) के मीरज पाये गऐ है जिनमें महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश,
राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, चेन्नई, तेलंगाना, गोवा, ओडिशा, जम्मूकश्मीर शामिल है।
इन सभी राज्यों में से सबसे ज्यादा कोरोना डेल्टा प्लस वैरिएंट के 29 मरीज महाराष्ट्र में पाऐ गऐ है। जबकि देश में डेल्टा
प्लस वैरिएंट के कुल मरीजों कि संख्या 50 हो गई है। इस समस्या से बचने के लिए सावधानी रखना आवश्यक है नहीं तो
देश और राज्यो में बढते हुए मरीजो की संख्या देखते हुए डेल्टा वैरिएट कोरोनो की तीसरी लहर के रूप में सामने आकर
देश में बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है।
क्या डेल्टा प्लस वेरिएंट पर वैक्सीन असरदार है – Is the Vaccine Effective on the Delta Plus Variant in Hindi
अभी जो वेक्सीन भारत में मौजूद है वो कोविशील्ड (Cowishield)और कोवैक्सीन (Covaccine)है और इसमें
कोविशील्ड़ (Cowishield) यह कहता है। की डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 60 से 67 प्रतिशत तक लड़ने कि क्षमता है।
शोधकर्ता के अनुसार कहा जा रहा है कि यह डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variants) के खिलाफ भी काम करेगा
जिसका पूर्ण रूप से पता लगाने के लिए शोध किया जा रहा है। कि यह वायरस कैसे और कितनी रफ्तार से कार्य कर
रहा है। लेकिन अभी कुछ कहना सही नही होगा क्योंकि सभी कम्पनीयों का अपना ट्रॉयल कर रही। और हम यह नहीं
कह सकते कि वैक्सीन बिल्कुल कार्य नहीं करेगी या कितने प्रतिशत काम करेगी यह हमे समय के साथ ही पता
चलेगा हो सकता वैक्सीन में नम्बर ऑफ न्यूटरलाजिंग एन्टीबॉडी होती है उसकी मात्रा बढ़ाई जा सकती है।
जिससेडेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variants) किया जा सकें ।
कोरोना वेरिएंट डेल्टा प्लस में कारगर वैक्सीन – Effective Vaccine in Corona Variant Delta Plus
कोरोना वायरस से बचने के लिए चौथे ’ कवच ’ यानी सबसे प्रभावी कही जाने वाली मैसेंजर आरएनए मॉडर्ना वैक्सीन
को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( डीसीजीआई ) ने देश में आपात प्रयोग की मंजूरी दे दी है। मुम्बई स्थित
दवा कंम्पनी सिप्ला ने इसके आयात व निर्यात से जुडे प्राधिकार की अनुमती मागी थी जिसे डीजीआई ने स्वीकार कर
लिया है। मार्डन पहला टीका है जो देश में उत्पादित न हो कर सिधा अमेरीका से आयात होगा
डेल्टा प्लस वेरिएंट लक्षण – Delta Plus Variant Characteristics in Hindi
डेल्टा वेरिएंट और कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण लगभग एक जेसे ही है कोरोना वायरस की दूसरी
लहर का कारण डेल्टा वेरिएंट था जो बहुत तेजी से फेलकर कही लोगो की मौत का कारण बना। परन्तु राहत
की बात यह है कि जो भी डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले सामने आये है। उन के परिवार के सदस्यों की जांच में
कोई बुरे लक्षण नहीं दिखे है जो राहत की बात है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण निम्न है।
- बूखान आना
- सूखी और गीली खांसी होना
- सांस फूलना
- गंध और स्वाद महसूस नहीं होना
- आखों में इन्फेक्शन होना
- सिर में दर्द होना
- लूज मोशन
- पेट में दर्द होना
- ब्रेन फोग
कमजोरी होना आदि ।
डेल्टा प्लस वेरिएंट कारण – Delta Plus Variant Reason in Hindi
डेल्टा प्लस वेरिएंट B 1 6 1 7 2 के स्ट्रैन के म्यूटेशन से बना हुआ है। म्यूटैशन का नाम के 4 1 7 N जो
की पूराने वायरस में थोड़ा बहुत बदलाव होकर नया वायरस तैयार हो गया यह सब बताना इस लिए जरूरी है।
यही वह स्पाइक प्रोटिन है जिससे वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है। स्पाइक प्रोटिन से मतलब कोरोना
वायरस का वह चित्र जिसके चारों और काटे निकले होते है। उन्हें स्पाइक प्रोटिन कहते है। के 417N म्यूटेशन
के कारण ही कोरोना वायरस हमारे शरीर के इम्यूनिटि सीस्टम को चकमा देने में सहायक होता है। डेल्टा प्लस
वेरिएंट (Delta Plus Variants) मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल (Monoclonal Antibody Cocktail )
दवां के प्रभाव को कम करने की आशंका है। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल कोरोना के खिलाफ ये कॉकटेल
एक कारगर मेडिकेशन माना जाता है।
मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल दवा क्या है? – What is a Monoclonal Antibody Cocktail Drug in Hindi
यह एक इंजेक्शन है जिसे कोरोना के मरीजो को दिया जाता है। डेल्टा प्लस वेरिएंट के बारे में कहा जा रहा है
कि यह कहीं तरह की दवां के असर को खत्म कर देता है। मोनोक्लोनज एंटीबॉडी कॉकटेल फार्मा कंपनी सिप्ला
और रोश इंडिया बना रहा है। जिस एंटीबॉडी कॉकटेल दवां के रूप में जाना जाता है। भारत में इस दवां को
इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मजरूरी देदी है। इस दवां के इंजेक्शन लेने वाले 70 प्रतिशत व्यक्तियों को अस्पताल
नहीं जाना पड़ता और मरीजों की मृत्युदर को 80 प्रतिशत तक कम करता है।
डेल्टा प्लस वेरिएंट की सावधानिया – Precautions of Delta Plus Variant in Hindi
डेल्टा प्लस वेरिएंट कोरोना डेल्टा वेरिएंट का ही एक नया रूप है जो डेल्टा वेरिएंट के कुछ लक्षण में अंतर होकर
सामने आया है। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है। जब भी किसी वायरस से नया वायरस रूप
बदलकर सामने आता है। तो वह और भी अधिक आक्रमक होता यह इससे बचने के लिए कोरोना की दूसरी लहर
से भी अधिक संक्रमण होने के आसार है। अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नही आया है। जो चिंता जनक हो
परन्तु सभी की सुरक्षा के लिए उपाय जरूरी है।
- सोसियल डिस्टेसिंग का पालन करें।
- मास्क पहने
- लोकडाउन का पालन करे
- भीड़-भाड़ वाली जगहो पर ना जाये
- एक दूसरे से हाथ ना मिलाएें
- बार-बार साबून से हाथ धोऐ
- अपने हाथो से मुंह , नाक, आंख को ना छूऐं