जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease) यह समस्या हृदय से जूड़ी हुई जन्मजात समस्या है। जो जन्म के बाद
से ही सक्रिय हो जाती है जिसके चलते हृदय समस्यों के लक्षण उभर कर सामने आने लगते है। जैसे दिल में छेद व हृदय
की मुख्य रक्त वाहिनी नलिकाओं में विकार आने से सांस लेने में परेशानी, त्वचा में नीले धब्बे होना, थकान महसूस होना,
छाती में दर्द होना यह सभी समस्या होने लगती है। जिसके कारण दिल कार्य करना बंद कर देता है यह स्थिती मृत्यु तक
पहुच जाती है यह समस्या बच्चों में जन्म से ही होती है। क्योंकि यह जन्मजात हृदय विकार है। एक रिपोर्ट के अनुसार हर
साल भारत में 10 प्रतिशत बच्चो की मृत्यु जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Disease) के कारण ही होती है।
जन्मजात हृदय रोग क्यो होता है – What Causes Congenital Heart Disease in Hindi
जन्मजात हृदय रोग ( C H D) वह होती है जो बच्चे का ढाचा जो मां के शरीर में बन रहा है वह ठिक से हो रहा है या नही
इसका पता जब लगाया जाता है। जब बच्चा 12 से13 सप्ताह में पता चलता है। परन्तु समस्या यह कि
जन्मजात विकृतिया होती क्यों है।
Cromosom Defect– गुणसूत्रों में कमी या खराबी के कारण भी जन्मजात समस्या हो जाती है।
Genetic Defect– कभी-कभी वंशानुगत जीन्स से भी यह समस्या हो जाती है।
कही बार जन्मजात हृदय रोग की समस्या गर्भावस्था के समय अन्य गंभीर बीमारी की दवांइया लेने से भी गर्भ में
पल रहे बच्चे पर असर पडता है।
जन्मजात हृदय रोग या जन्मजात विकृतिया मां कि गलत आदतो के कारण भी हो जाती है। सिगरेट, तंबाकू,
अल्कोहल या ड्रग्स का सेवन करना यह सभी जन्मजात हृदय रोग के जिम्मेदार हो सकते है।
जन्मजात रोग कौन-कौन से होते है – What are the Congenital Diseases in Hindi
जन्मजात रोग शरीर की विकृती या कार्य प्रणाली से जूड़े होते है। इन समस्याओ को गर्भावस्था के 2 या 3
महीने में पता लगा सकते कुछ में जन्म के समय और कहीं बार जन्म के 2 या 5 साल बाद पता चलता है।
आज हर साल लगभग 5 से 7 लाख बच्चे जन्मजात रोगो के शिकार हो जाते है। जिनमे मुख्यतः है
- जन्मजात हार्ट रोग – हृदय में छेद होना , वाल्व का खराब होना , हृदय की धमनीयों का फटना।
- स्पिइन डिफेक्ट – पेनस्पिना कार्ड प्रोबलम इसमें हाथ पेरो में विकृती हो जाती है।
- होटो का कटना , तालू का कटना ।
- किडनी कि परेशानी होना ।
- मूत्र मार्ग रोग होना ।
- खाने व सांस लेने में परेशानी होना ।
दिल में छेद होने से क्या परेशानी होती है- What is the Problem if there is a Hole in the Heart in Hindi
दिल में छेद जन्म से हि होता है। यह कंहि प्रकार का हो सकता है। यह दिल के उपर वाले
हिस्से या निचे वाले हिस्से में भी हो सकता है नार्मल तौर पर दिल के दांय भाग में गंदा खून होता है
बायं भाग में साफ खून होता है जो दायं भाग से साफ होकर पूरे शरीर में जाता है इस साफ रक्त
और गंधे रक्त के बीच एक दिवार होती है जिसमें छेद होने के कारण साफ रक्त और गंधा रक्त आपस
में मिल जाता है। जिसे Hole in Heart कहते है। जिसके चलते कहिं समस्या सामने आती है
- फेफड़ो में बार -बार निमोनिया होना ।
- चलते चलते हाफना ।
- दूध पिते वक्त अचानक दूध पिना छोड़ना ।
- अधिक पसीन आना ।
जन्मजात हृदय रोग के लक्षण – Symptoms of Congenital Heart Disease in Hindi
सी एच डी जन्मजात हृदय रोग के लक्षणों का अल्ट्रासाउंड टेस्ट के द्वार पता लग जाता है। परन्तु कहीं बार
जन्म के समय इस स्थिती का पता न चलकर 1या 2 साल बाद पता चलता है। जिसके चलते बच्चों
को निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- अनियमित दिल का धड़कना ।
- धड़कने तेज होना ।
- सांस लेने में परेशानी होना।
- त्वचा में नीले धब्बे होना ।
- निमोनिया होना ।
- दूध पीने में समस्या या अचानक थकान के कारण रूकना ।
- अधिक थकान या हाफना ।
- अधिक पसीना आना ।
- बच्चों में वजन कमी या पूर्ण रूप से न हाना।
- सीने में दर्द रहना।
जन्मजात हृदय रोग होने कारण – Causes of Congenital Heart Disease in Hindi
कंजेनाइटल हार्ट डिजीज होने के अलग – अलग हो सकते है।
Cromosom Defect – गुणसूत्रों में कमी या खराबी के कारण भी जन्मजात समस्या हो जाती है। किसी बीमारी या अधिक
नशे की आदत कि वजह से गुणसूत्रो में कमी या खराबी के कारण भी जन्मजात हृदय कि समस्या हो सकती है।
Genetic Defect – कभी-कभी वंशानुगत जीन्स से भी यह समस्या हो सकती है। कहीं बार यह जन्मजात हृदय रोग कि
समस्या परीवार में अन्य सदस्यो के होने पर अगली पीढी में होने का खतरा होता है।
प्रेन्गेंसी के दौराना रूबेला वायरस का का शिकार होना ।
बच्चों में अधिक अन्तर ना होना ।
गर्भावस्था के दौरान शराब, सीगरेट व ड्रग्स का सेवन करना ।
गर्भावस्था के किसी गंभीर बीमारी के चलते दवांओ के सेवन करने से भी जन्मजात हृदय रोग होने के कारण हो सकते है।
जन्मजात हृदय रोग से कैसे बचें – How to Avoid Congenital Heart Disease in Hindi
जन्मजात हृदय रोग कंजेनाइटल हार्ट डिजीज जैसा की हमने पहले ही बताया है कि यह रोग आपको आनुवांशिक
रूप से भी मील सकता है। अगर आपके परिवार में 55 वर्ष के उर्म के पहले किसी को हार्ट प्रोब्लम होतो डॉ. का
बताये। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की देखभाल की अधिक आवश्यकता होती है।
जर्मन खसरा का टीकाकरण नहीं हुआ हो तो डॉक्टर से सलाह से उपचार करें।
गर्भवती महीलाओं में नियमित रूप से डॉ. से चेकअप करवाये।
जन्मजात हृदय रोग का परिक्षण- Congenital Heart Disease Testing in Hindi
कंजेनाइटल हार्ट डिजीज का गंभीर रूप होतो गर्भावस्था या जन्म के पश्चात ही उपचार कर लिया जाता है। परन्तु कहीं
बार सामान्य हृदय रोग में जन्म के कुछ वर्षो बाद उपचार किया जाता है।
दिल कि धड़कनो को मापने के लिए स्टेथोस्कोप का प्रयोग किया जाता है।
- E C G – इसके द्वारा हृदय की धड़कनो की गतिविधियों का पता लगाया जाता है। कि हृदय धडकन ठिक से
तो चल रही है ना और इसके द्वार हृदय में किसी भाग में सुजन होने का भी पता लगाया जा सकता है।
2. x-ray – हृदय में किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन या किसी प्रकार के रक्त व द्रव के भरा होने का पता लगाया जा
सकता है।
3. पल्स ऑक्सिमीटर – इसे ज्यादातर हाथ की उगंली में लगाया जाता है। जिसके द्वारा रक्त में ऑक्सिजन की मात्रा
का पता लगाया जाता है।
4. कैथीटेराइजेशन – इसे दिल के चेम्बर में इंजेक्ट किया जाता है। इसकी मदद से रक्त वाहिकाओं में खून के प्रवाह
को देखा जा सकता है।
जन्मजात हृदय रोग जन्मजात हृदय रोग होने इलाज – Congenital Heart Disease Treatment in Hindi
सी एच डी कंजेनाइटल हार्ट डिजीज हृदय की गंभीरता पर निर्भर करता है।
क्योंकि कुछ बच्चों में जन्मजात हृदय रोग की अधिक समस्या के कारण तुरन्त ही इलाज जरूरी होता है। और कहीं
बार हृदय की सामान्य समस्या में समय के साथ दवां से भी ठीक हो जाते है।
- दवांईया – अगर हृदय के कुछ सामान्य समस्याओं को दवांओ के माध्यम से भी ठीक किया जा सकता है।
- एंजियोग्राफी – जब हृदय में छेद कि समस्या होने पर अगर छेद छोटा होतो एंजियोग्राफी के माध्यम से पेर की नस
के द्वारा भी इलाज किया जाता है।
- ओपन हार्ट सर्जरी – जब हृदय में एक से ज्यादा गंभीर समस्या होती है। तो डॉ. ओपन सर्जरी कि सहायता से इलाज करते है।
- पेसमेकर – हृदय के दड़कनो नियन्त्रित करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
जन्मजात हृदय रोग होने का घरेलू उपाय – Home Remedies for Congenital Heart Disease in Hindi
- अर्जुन कि छाल – अर्जुन कि छाल 10 से 15 ग्राम छाल को कूटकर 200 से 300 मि. ली. पानी में पकाए जब वह एक चौथाइ बच जाए तो उसे छानकर दालचीनी व दूध मिलाकर सुबह -शाम सेवन करें । इससे आपकी हृदय की समस्या दूर हो जाती है।
2. लोकि का जुस – लोकि का जुस छिलका उतारे बीना ही जुस बनाकर तुलसी के पत्ते और काली र्मिच मिलाकर पीये।
जन्मजात हृदय रोग होने पर होम्योपैथी दवांईया – Homeopathy Medicine for Congenital Heart Disease in Hindi
लौरोकेरासस – जन्मजात हार्ट के रोग दिल में छेद होना , वाल्व की खाराबी रक्त संचरण की समस्या में इसका उपयोग किया जाता है।