सीलिएक रोग – Celiac Disease in Hindi

आज हम ऐसे रोग के बारे में बात करने जा रहें जो हमारे जीवन की अहम कडी भोजन से जुड़ा हुआ है।

सीलिएक रोग (Celiac Disease) ज्यादातर उन क्षेत्रों में अधिक होता है। जहा गेंहु , जो, आदि भरपूर

ग्लुटेन युक्त पदार्थो का उपयोग किया जाता है। क्योंकि इस रोग के होने पर व्यक्ति को जीवनभर गेहु

खाना बंद करना पड़ता है। जिससे लोग डर जाते है। अब कैसे जीवन व्यतित होगा यह समस्या गेंहु

में पाये जाने वाले ग्लुटेन पदार्थ के इन्फेक्शन से होता है। जिसके चलते इस लेख के द्वारा सीलिएक रोग

(Celiac Disease) के कारण ,निवार्ण ,लक्षणों की सम्पूर्ण जानकारी देगें ।

सीलिएक रोग क्या है? – What is Celiac Disease in Hindi


सीलिएक रोग (Celiac Disease) रोगप्रतिरोधक क्षमता से जुड़ा एक रोग है। जिसे स्प्रू (sprue) या कोएलियाक

(koeliac) भी कहते है। यह हमारेद्वारा सेवन किये गये भोजन में उपस्थित ग्लूटेन नामक पदार्थ से होने वाली एलर्जी

या इन्फेक्शन कि परेशानी है। जिसमें व्यक्तियों में पेट दर्द, सूजन ,मतली ,दस्त कि समस्या उत्पन हो जाती है।

छोटे बच्चों में इस रोग से मुख्यतः चिड़चिडेपन कि समस्या होती है। सीलिएक रोग कि परेशानी रोगप्रतिरोधक

क्षमता का विकार है। जिसका कारणआनुवांशिक गुण भी हो सकते है। सीलिएक रोग (Celiac Disease) छोटी

आंत में होने वाली परेशानी है।

ग्लूटेन क्या है? – What is Gluten in Hindi


ग्लूटेन (Gluten) एक तरह का प्रोटिन है। जो चिपचिपे पदार्थ के रूप में गेहुं, जौ , राई , जैसे अनाजो में पाया जाता है।

सबसे अधिक मात्रा में ग्लूटेन (Gluten) गेंहु में पाया जाता है। यह खाने की चिजो का आकार बनाए रखने में काम आता

है।जो पूरी तरह से सोडियम फ्री होता है।

सीलिएक रोग के लक्षण – Symptoms of Celiac Disease in Hindi


सीलिएक रोग (Celiac Disease)में शुरूआती लक्षणों को साधाराणत सभी व्यक्ति नजरअंदाज कर देते है क्योंकि इसके

लक्षन 100 में से 1 व्यक्ति में देखे जाते है यह रोग हमारे देश में उत्तरी क्षेत्र में अधिक देखने को मिलता है। क्योंकि उत्तरी

भारत के व्यक्तियों का मुख्य भोजन गेहुं है सीलिए रोग (Celiac Disease) को निम्न लक्षणों से पहचाना जा सकता है।

वयस्को में सीलिएक रोग

1.पेट में सूजन आना

2.गैस होना

3.दस्त लगना

4.पेट में दर्द

5.भूख कम लगना

6.वजन का घटना

7.अधिक थकान होना

8.हडडीयो का कमजोर होना

9.मांसपेशियों में अकडन होना

10.चक्कर आना

11.बांझपन

12.शारीरिक शक्ति का कम होना

बच्चों में सीलिएक रोग

1.पेट दर्द

2.मतली आना भूख ना लगना

3.दस्त

4.शारीरिक वृद्धि में कमी लम्बाई ना बढ़ना

5.ऐठन होना

6.मुंह के कोनों पर अल्सर का फट जाना

7.पीलिया होना

8.शरीर के जोड़ो में दर्द होना

9.चिड़चिड़ापन बच्चों में सीलियक रोग में होने वाला मुख्य लक्षण है।

सीलिएक रोग के कारण – Due to Celiac Disease in Hindi


1.सीलिएक रोग (Celiac Disease)एक ऐसी बीमारी है। जिसमें व्यक्ति को गेंहु , जो और राई इन तीन चीजो से

एलर्जी हो जाती है।जिसकी वजह से यह बीमारी होती है। सीलिएक रोग एक बेहद कोमन रोग बन गया है। जो विश्व

में 100 में से एक इस समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन सबसे हेरानी की बात यह है। 80 प्रतिशत

व्यक्तियों को पता ही नही चलता की उन्हें सीलिएक रोग है।

2.सीलिएक रोग मे जो सबसे महत्वपूर्ण कारण है। वह ग्लूटैन यह एक तरह का प्रोटिन है जो मुख्यतः गेंहु , जो

और राई में पाया जाता है। और कुछ-कुछ और पदार्थो में भी पाया जाता है। इसी ग्लूटैन से शरीर में

एलर्जी या इन्फेक्शन हो जाता है। जिससे शरीर में असामान्य रिएक्शन होता है। जिससे शरीरी में की प्रतिरक्षा

प्रणाली इस प्राटिन के खिलाफ एन्टिबॉड़ी का निर्माण करती है। और यह ही एन्टिबॉड़ी मरीज की ऑतों

की आंतरिक झिल्ली के अन्दर उपस्थित विलाई (Vilai) को समाप्त कर देती है। जिसके कारण भोजन से मिलने वाले

पोषक तत्वों को पचाने ने असमर्थ हो जाते है।

3.अनूवांशिकता – सीलिएक रोग होने का एक कारण यह भी हो सकता है। की आपके परिवार में किसी को भी

सीलिएक रोग हुआ है। तो इस रोग से ग्रहसीत होने की संभावना कहिं गुना बढ़ जाती है। यह एक पिढ़ी से दूसरी

पिढ़ी में भी आ सकता है।

4.पाचन तंत्र में परेशानी – बहुत सी शारीरिक समस्या है। जो सीलिएक रोग होने के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।

5.डायबिटीज

6.थायराइड संबधी समस्याएं

7.अल्सरेटिव कोलाइटिसस आदि ।

सीलिएक रोग से बचाव के उपाय – Ways to Prevent Celiac Disease in Hindi


सलिएक रोग (Celiac Disease) एक आनुवांशिक जनित रोग है। जिसका अभी तक कोई इलाज नही है। केवन इसके

लक्षण दिखने पर रोग का पता लगने पर जीवनभर ग्लूटने युक्त भोजन छोड़ने पर ही इससे बचा जा सकता है।

सही तरीके से आहार लेने और भोजन के प्रति सावधानी रखने पर आंत में हो रही परेशानी स्वतः ही ठीक होने लगती है।

सम्पूर्ण जानकारी से यह तो पता ही चल ही गया की ग्लूटेन नामक प्रोटिन से ही सीलिएक रोग (Celiac Disease) होता है।

इसकी समस्या समाप्त होने पर दौबारा ग्लूटेन युक्त पदार्थ का सेवन करने पर यह समस्या वापस हो जाती है।

ग्लूटेन यूक्त चीजें

जिस किसी को भी सीलिएक रोग हुआ है। उसे ग्लूटेन युक्त चिजों से बचना चाहिऐ।जैसे

  • गेंहु , राई , समृद्ध आटा , जौं, दलिया और इनसे बने खाध्य पदार्थो में टॉस , ब्रैड , बिस्कुट , पास्ता आदि ।
  • बीयर
  • आचार
  • सोया सॉस
  • आइस क्रीम
  • डिब्बाबंद मीट और सूप
  • मेडिकल पर मीलने वाली कूछ दवांओं में
  • सौंदर्य के लिए उपयोग में लि जाने वाली वस्तुएें लिपस्टिक, टूथपेस्ट , लिप ग्लॉस आदि।
  • डयरी उत्पादों के सेवन से बचें ।
  • ओट्स से जुडे कुछ व्यंजनों में गेंहु को मिलाया जाता है। इसलिए हमेंशा ध्यान रखे अगर आप ग्लुटेन फ्री कोइ वस्तु बाजार

से ले रहे तो यह पूर्णतः निश्चित कर लें की यह वस्तु पूरे तरीके से ग्लुटेन मूक्त है।

सीलिएक रोग का निदान – Diagnosis of Celiac Disease in Hindi


सीलिएक रोग का जांच के दौरान डॉक्टर मरीज के लक्षणों व सकेतों के बारे मे जानकारी लेते है। कही बार सीलिएक

रोग का निदान करना मूश्किल हो जाता है। क्योंकि कुछ अन्य समस्यों के लक्षण भी इसी तरह के दिखाई देते है।

  • परिवार की जानकारी – डॉक्टर पहले यह पहले यह निश्चित करते है की पहले कभी किसी को परिवार में एसी

परेशानी थी या नहीं ।

  • दांतो की जॉच – कुछ लोगो में सीलिएक रोग होने पर दांतो के रंग में बदलाव आ जाता है।
  • Anti TTGigA रक्त की जॉच – रक्त की जॉच करके पता लगाया जा सकता है की सीलिएक रोग है के नहीं लेकिन

इससे पहले डॉक्टर आपको ग्लुटेन युक्त भोजन करने को कहते है जिससे पता चल सके की आपको सीलिएक रोग की

परेशानी है। के नहीं

  • बायोप्सी (Biopsy ) – सभी जांच होने के बाद भी आप रिपोर्ट नेगेटिव आती है। तो बायोप्सी सीलिएक रोग का ऐसा परिक्षण

है जिससे सीलिएक रोग का पता लगाया जाता है। इस परिक्षण में आपकी छोटी आंत से एक छोटा सा टुकड़ा निकाला

जाता है। और उसकी जॉच की जाती है।

सीलिएक रोग का उपचार – Treatment of Celiac Disease in Hindi


सीलिएक रोग (Celiac Disease)की बात करें तो आप जानकर हैरान होगें की इस रोग का पर्सनल इलाज नही है।

इस रोग का मुख्य कारण ग्लुटैन युक्त आहार लेने से छोटी आंत में उपस्थित विलाई (Vilai) झिल्ली को समाप्त कर

ग्लुटैन प्रोटिनके खिलाफ एंटिबाडी तैयार होने से होने वाली समस्याएं है। परन्तु फिर भी इसे 100 प्रतिशत तक कन्ट्रोल कर

सकते है।डॉक्टर इसके उपचार के लिए रोगियों को ग्लुटेन फ्री आहार लेने के लिए कहा जाता है। जिसे रोगी को

जिवन भर लेना पढता है।अगर ग्लुटेन फ्री भोजन से व्यक्ति सीलिएक रोग से पूरी तरह ठिक होने के बाद वह दौबारा गैहु,

जौं, राई आदि ग्लुटेन युक्त आहार लेना चालू कर देता है। तो वह फिर से सीलिएक रोग से ग्रषित हो जाते है और समस्या

बढ़ जाती है।कहीं बार ग्लुटेन फ्री आहार के बाद भी सीलिएक रोग (Celiac Disease)में कोई सुधार नहीं होता इसके पिछे

यह कारण होतहै। की आप किसी न किसी रूप में आप कुछ ग्लुटेन अपने आहार में ले रहें है।

इस रोग में कुछ दवांइयो का भी उपयोग किया जाता है।

1.प्रेडनिसोलोन (prednisolone)

2.कोर्टिकोस्टेरॉयड (corticosteroid)

3.एजाथियोप्रोइन (azathioprine)

4.साइक्लोस्पोरिन (cyclosporine)

सीलिएक रोग के जोखिम और जटिलताएं – Risks and Complications of Celiac Disease in Hindi


सीलिएक रोग के लक्षण दिखाई देने पर समय रहते इसकी जांच करवाके इलाज नहीं करवाया जाये और यह बीमारी

लम्बें समय तक रहती है तो निम्न प्रकार कि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

ऑटोइम्यून रोग – इस रोग में हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता स्वमं को नुकसान पहुचाने लगती है।

ऑस्टियोपोरोसिस – इस रोग मे हडिड्या कमजोर हो जाती है। क्रक भी हो सकती है।

कैंसर- सीलिएक रोग में लम्बें समय तक रहने पर कैंसर के कही प्रकार विकसीत हो सकते है।

जिसमें छोटी आंत का कैंसर भी शामिल है।

एनीमिया की समस्या ।

लिवर की समस्या होना।

बांझापन या गर्भपात का जोखिम।

लेक्टोज विटामिन की समस्या – सीलिएक की समस्या अधिक होने पर लेक्टोज युक्त चीजे डेयरी उत्पादों को सेवन करने

पर दस्त और पेट में असामान्य दर्द हो सकता है। जबकी इन चिजों में ग्लुटेन नही होता लेकिन एक बार आप की आंत

ठीक होने पर आप डेयरी उत्पोदो का सेवन कर सकते है।

बच्चों को भी कही प्रकार के जोखीमों का सामना करना पड़ सकता है।

यौवनावस्था आने में देरी , वजन का घटना , दांतो रंग बदलना , एनिमिया ,गठिया , मिर्गी आना , चिड़चिड़ापन

कुपोषण का शिकार होना इसके चलते बच्चों की ग्रोथ नहीं होती और विकास होना भी बन्द हो जाता है।


सीलिएक रोग में क्या खाना चाहिए – What to Eat in Celiac Disease in Hindi


अनाज- मक्का , ज्वार ,बाजरा , और चावल

अन्य – क्विन्वा, बकवेट ,आलू , केला, साबूदाना ,

बीन्स

फल , सब्जिया

दूध

और भी बाजार में ग्लुटैन फ्री खाघ्य पदार्थ बाजार में मिलते है। जिन्है अच्छी तरह देखकर ही खरीदे ।

Our Other Blogs

पित्ताशय – Cholecystitis in Hindi

Leave a Comment