एनजाइना – Angina in Hindi

एनजाइना (Angina) एक ऐसी गंभीर समस्या है। जिसके बारे मे ज्यादातर लोग जानते ही नहीं जिसके चलते व्यक्ति दिल

के दौरे जेसे गंभरी रोग का शिकार हो जाते है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 14 मिलियन लोग भारत में हार्ट

अटैक का शिकार होते है जो बहुत ही दुःखद स्थिती है। हृदय में दर्द होना या भारीपन महसूस होना एनजाइना (Angina)

का ही कारण जिन्हैं लोग गंभीरता से नहीं लेते और हार्ट अटैक का शिकार हो जाते है। एनजाइना जैसी गंभीर समस्या को

समाप्त करने के लिए इस लेख में एनजाइना (Angina) के प्रकार, लक्षण, कारण व इलाज की सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।

एनजाइना क्या है? – What is Angina in Hindi

एनजाइना (Angina) हृदय रोग होने का संकेत होता है। जिसमें सीने में दर्द या दबाव जकड़न जैसी स्थिती उत्पन्न होती है

जिसे (Ischemic Chest Pain) भी कहा जाता है। हमारे शरीर में ऑक्सीजन को हृदय और हृदय से पूरे शरीर में

पहूचाने का कार्य रक्त करता है। एनजाइना की समस्या उस स्थिती में उत्पन्न होती है जब ऑक्सीजन युक्त रक्त

पर्याप्त मात्रा में धमनीयों के सहारे हृदय तक नहीं पहुचता। जिससे सीने में दर्द और जकड़न होती है और

Heart Attack आने की स्थिती बन जाती है।

एनजाइना के प्रकार – Types of Angina in Hindi

एनजाइना सामान्यतः दो प्रकार का होता है।

1.स्थिर एनजाइना – यह एक सामान्य स्थिती होती है। जिसे पिक्टोरिस ( Pectoris) एनजाइना भी कहते है। एनजाइना की

यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब आप कोई भारी वजन उठाने , लम्बी दौड़ या तनाव जैसी स्थिती में हृदय को भी

अधिक कार्य करना पड़ता है जिससे स्थिर एनजाइना (Angina) के लक्षण उभर कर सामने आते क्योंकि इसका दर्द

2 से 5 मिनिट तक ही रहता है। शरीर को आराम मिलने के दौरान स्वतः ही समाप्त हो जाता है।

2.अस्थिर एनजाइना – एनजाइना का यह प्रकार बहुत घातक प्रकार है जिसके कारण व्यक्ति हार्ट अटैक का शिकार हो

जाता है। अस्थिर एनजाइना में अचानक सिने मे दर्द उठता है जो समय के साथ बढ़ता ही जाता है। जिसका मुख्य कारण

आरामदाय जीवन व्यतित करना कोलेस्ट्रोल की मात्रा का बढना होता है।

एनजाइना के लक्षण – Symptoms of Angina in Hindi

एनजाइना दिल का दौरा होने का सबसे बड़ा कारण होता है इसलिए इसके लक्षण दिल के दौरे के लक्षणों के

समान ही होते है। जैसे-

  • दांय या बायं हाथ में दर्द होना
  • कंधे का दर्द
  • नाभी के उपरी हिस्से में दर्द होना
  • जबड़े के निचले हिस्से में दर्द होना
  • अधिक पसीना आना
  • पेट दर्द
  • सांस लेने में परेशानी
  • चक्कर आना
  • बेहोश होना

कही बार अनजाइना के अस्थिर प्रकार में किसी भी तरह के लक्षण नहीं दिखाई देते और अचानक सीने में तेज दर्द

होने लगता है। जो समय के साथ और भी अधिक हो सकता है हालाकी आराम करने से यह दर्द समाप्त हो जाता है।

एनजाइना कारण – Angina Cause in Hindi

एनजाइना के कहीं कारण हो सकते है।

  • वजन बढ़ना – वजन बढ़ने के कारण भी एनजाइना का खतरा बढ़ जाता है।
  • रक्त में आक्सीजन कमी – रक्त में आक्सीजन की कमी के कारण हृदय में पूर्ण रूप से रक्त नहीं पहुचने पर

सीने में दर्द होना।

  • रक्त प्रवाहीत करने वाली धमनियों का सीकुड़ना ।
  • मधुमेह रोग से पीड़ित होने से भी एनजाइना हो सकता है।
  • नशा करना – शराब, सीगरेट, तम्बांकू का सेवन करने से भी एनजाइना हो सकता है।
  • तनाव पूर्ण जीवन ।
  • अधिक परिश्रम करना ।
  • ज्यादा भोजन करना ।
  • वातावरण अनुकूल ना होना ।

एनजाइना से कैसे बचें – How to Avoid Angina in Hindi

एनजाइना से बचने के लिए अपने दैनिक जीवन में बदलाव लाने की आवश्यकता है जिससे मोटापा, कोलेस्ट्रोल, बी. पी.

और शुगर जैसी समस्याओं से बचा जा सकें। क्योंकि एनजाइना एक एसी गंभीर समस्या है जिसके चलते आदमी की

जान भी जा सकती है। परन्तु इन उपायों को अपनाकर एनजाइना से बचा जा सकता है।

  • शारीरिक व्यायाम – रोजाना सुबह के समय धूमने और व्यायाम करने से रक्त परिसंचरण नियंत्रित रहता है।
  • तनाव मुक्त रहना – आज के व्यस्त जीवन स्तर के चलते स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर कहीं व्यक्ति तनाव पर काबू

पा लेते है परन्तू कुछ व्यक्ति तनाव के कारण कहीं गंभीर बीमारीयों का शिकार हो जाते है। वर्तमान समय कि बात करें

तो अधिकतर बीमारी के पिछे का कारण तनाव ही होता है। जिनमें एनजाइना, दिल का दौरा मुख्यतः शामिल है।

इसलिए तनाव से बचें।

  • उचित भोजन स्तर – व्यस्त जीवन स्वाद के चलते वर्तमान समय में हमारा भोजन स्तर बिगड़ सा गया है जो

हमारे शरीर को कमजोर करके कहीं बीमारीयों से भर देता है। जैसे ज्यादातर बाहर भोजन करना, फास्ट फूड़ का

अधिक सेवन करना शरीर के लिए हानिकारक है। यह कॉलेस्ट्रोल को बढ़ाकर एनजाइना जैसी गंभरी बीमारी को

न्यौता देना है।

  • रेगुलर चैकप – वर्तमान में देखी जा रही गंभीर बीमारीयों के चलते किसी तरह के लक्षण दिखाई देने पर अपने डॉक्टर

से सम्पर्क करे।

एनजाइना में जांच – Test for Angina in Hindi

एनजाइना की जांच करने से पहले डॉक्टर आपके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेगे जिसमें आपके स्वास्थ्य

इतिहास की सम्पूर्ण जानकारी होती है।

  • खून की जांच- रक्त परिक्षण करके धमनीयों में प्रवाहित दूषित रक्त के कारण का पता लगाया जाता है।
  • इेकोकार्डियोग्राफी- यह एक तरह का सोनोग्राम है जिसे हृदय अल्ट्रासाउंड के नाम भी जाना जाता है।
  • सी टि स्केन- कम्प्यूटराइज टोमोग्राफी स्केन यह थ्री डायमेंशनल एक्सरे है। टोमोग्राफी में किसी भी का भी अध्ययन

छोटे-छोटे टूकड़ो में किया जाता है।

  • सीने का एक्स-रे
  • एंजियोग्राफी

एनजाइना की जोखिम और जटिलताएं – Risks and Complications of Angina in Hindi

जैसा की हमने बताया है की एनजाइना दो प्रकार का होता है। 1.स्थिर और 2. अस्थिर दोनो ही प्रकार के एनजाइना

घातक हो सकते है। क्योंकि एनजाइना के रोगीयों को हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। एनजाइना होने पर सीने,

कधे हाथ ,पेट और जबड़े के निचले हिस्से में कभी भी दर्द महसूस हो सकता है। परन्तु अस्थिर एनजाइना में अचानक

सिने में इतना तेज दर्द होता है जो असहनीय होता है जो समय पर इलाज ना मिलने पर बढ़ता ही जाता है और हार्ट

अटैक कारण बन जाता है।

एनजाइना का इलाज – Treatment of Angina in Hindi

एनजाइना का इलाज इसके प्रकार पर निर्भर करता है। सामान्य एनजाइना में शुद्ध रक्त प्रवाहीत करने वाली धमनीयों

में अगर क्षति कम होती है। तो आपके डॉक्टर गोली दवांइयों के जरीय एनजाइना को ठीक कर सकते है। जिसके

साथ ही आपको उचित आहार और स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना आवश्यक है। जैसे

बाहर के पास्ट फूड और तल्ली हुई चीजों का उपयोग बंद करके योग प्राणयाम सुबह के समय घूमना हरी सब्जियों

का उपयोग करना आदि।

एनजियोग्राफी – रक्त धमनियों में संकुचन होने या पिचक जाने से हृदय तक रक्त पूर्ण रूप से नहीं पहुच पता जिससे

सीने मे दर्द होने लगता हैं और समय के साथ बढ़ता जाता है जो असहनीय होता है। इसके लिए डॉक्टर एनजियोग्राफी

करते है। जिसमें रक्त धमनियो के रास्ते एक पतली ट्यूब को अन्दर धमनियों में डालते है जिसके आगे एक बॉल लगी

होती है। जिस जगह पर रक्त नलिका पिचकी हुई होती है। वहॉ एक छाट ट्यूब जिसे (stet) या छल्ला भी कहते है जिसे

रखा जाता है। इसमें ज्यादा समस्या नही होती 2से 3 दिनों में छूटटी हो जाती है।

बाई पास सर्जरी एनजाइना – कोरोनरी धमनी की सर्जरी किसी धमनी या नस के अवरूध होने पर प्रयाप्त मात्रा में हृदय

तक रक्त को पहुचाने के लिए किया जाता है। जो स्थिर व अस्थिर दोनो प्रकार के एनजाइना के उचार की लिए किया जा

सकता है।

एनजाइना का घरेलु उपाय – Home Remedies for Angina in Hindi

अर्जुन के वृक्ष की छाल – अर्जुन की छाल को आयुर्वेद में औषधिय गुणों से भरपूर बताया गया है। अर्जुन

की छाल में कोलेस्ट्रोल लेवन और ब्लड़ प्रेशर को नियन्त्रित रखता है जो आर्ट अटैक आने से रोकता है। इसे

अलग – अलग भोगों में अन्य नामों से जाना जाता है। 3 ग्राम अर्जुन की छाल का चूर्ण 50 ग्राम आटा 20 ग्राम

गाय के घी में गुलाबी होने तक भूनकर 100 ग्राम गर्म पानी डाकर हलवा बनाए सुबह के समय सेवन करने से

हृदय की समस्त बीमारीया समाप्त हो जाती है।

दालचीनी – दालचीनी का रोजाना स्तेमाल करने से शरीर से ऐस्ट्रा कोलेस्ट्राल को समाप्त हो जाता है। और हृदय स्वस्थ

रहता है। सांस की तकलीफ भी समाप्त हो जाती है।

नीबूं – नींबू विटामिन सी से भरपूर होता है जो एक एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। नींबू के

रस को गर्म पानी के साथ सुबह के समय सेवन करने से कोलेस्ट्रोल लेवल सामान्य हो जाता है। धमनियों

को स्वच्छ रखने का कार्य करता है जिससे रक्त का प्रवाह अच्छा बना रहता है।

एनजाइना होम्योपैथी इलाज – Angina Homeopathy Treatment in Hindi

लैट्रोडैक्टस 12 एक्स – का उपयोग उन लोगो के लिए होता है जिन्हैं कभी – कभी सीने में दर्द होता है।

उन लोगो को लैट्रोडैक्टस 12 एक्स का उपयोग दिन में 3 बार करना चाहिए दिल का दौरा आने की संभावना

कमहो जाती है।

एसिड-हाइड्रो 3 – अचानक धड़कने बढ़ना, नब्ज का कम चलना, जी घबराना, बहोशी होने जैसी समस्या में इस दवां का

उपयोग बहुत ही गुणकारी है।

आर्सेनिक 30, 200 – नाड़ी के कम ज्यादा चलने , थकान , कमजोरी , सीने में जलन करने वाला दर्द और मृत्यु का भय

बना रहने की स्थिती में इस दवां का उपयोग किया जाता है।

परन्तु किसी भी प्रकार की दंवा का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले।

एनजाइना में उपयोगी योग – Useful Yoga in Angina in Hindi

  • मत्स्यासन
  • उष्ट्रासन या कैमल पोज
  • धनुरासन
  • कोबरा आसन और भुजंगासन
  • बितिलासन

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