ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) जैसा की इस बीमारी के नाम से ही पता चल जाता है की यह मस्तिष्क से
जुड़ी समस्या है। जो कि बहुत ही बड़ी और विकट समस्या है। क्योंकि मस्तिष्क संम्पूर्ण शरीर का कंन्ट्रोल यूनिट
होता है। शरीर में किसी भी प्रकार की समस्या या घटना होने पर सबसे पहले संकेत मस्तिष्क को मिलता है।
वेसे तो मस्तिष्क के चारों और से मजबूत खोपड़ी की संरचना से घिरा होता है जो मस्तिष्क का सूरक्षा
कवच होता है।
ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) होने के कहीं कारण हो सकते है जेसे चोट लगने पर मस्तिष्क में रक्त के
थक्के जम जाते है जिसे ट्रेकोमा कहते है।
सेरेब्रल एडिमा (Cerebral Edema)– रक्त नलिका के फटने की वजह से मस्तिष्क में अन्दर रक्त बहने लगता है जिससे
अचानक बेहोशी जेसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। एसी अवस्था में मस्तिष्क के उतकों पर दबाव बढ़ता है और प्रर्याप्त
मात्रा में रक्त नहीं पहुचने से ऑक्सीजन की कमी के कारण कोशिकाएं नष्ट हो जाती है। आपकी सहजता के लिए
इस लेख मे ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) के लक्षण , कारण, जॉच व इलाज की संम्पूर्ण जानकारी देने का
प्रयास किया गया है।
ब्रेन हेमरेज क्यों होता है? – Why does Brain Hemorrhage Happen in Hindi
ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) होने का कोई एक निश्चित कारण नही होता है। ब्रेन हेमरेज किसी भी अवस्था में होने
वाली समस्या है। जो किसी चोट , सर्जरी , इर्न्टनल रक्त के रिसाव होना , हाई बी.पी. का पेशेंन्ट होना या ब्रेन ट्यूमर
होने पर ब्रेन हेमरेज होने का खतरा रहता है।
लकवा और ब्रेन हेमेरेज में अंतर है – Difference Between Paralysis and Brain Hemorrhage in Hindi
ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) की समसया में मस्तिष्क की रक्त नलिका के फटने से रक्त का रिसाव या रक्त का
थक्का बनने से सिर में दर्द और बेहोशी की स्थिती बन जाती है।
परन्तु लकवा (paralysis) से पिड़ित व्यक्ति में मस्तिष्क तक सूचना ले जाने वाला तंत्र और रीढ़ की हडडी बोन मेरो
प्रभावित होता है। जिसके चलते शरीर का कोई एक हिस्सा या पूरा भाग ही कार्य करना बंद कर देता है।
ब्रेन हेमरेज के प्रकार – Types of Brain Hemorrhage in Hindi
ब्रेन हेमरेज 4 प्रकार के हो सकते है।
- इंट्राक्रेनियल हेमरेज (Intracranial Hemorrhage) – दिमाग में अंदरूनी भाग में रक्त का स्त्राव होना ।
- सुब्रकेनाइड़ हेमरेज (subarachnoid hemorrhage) – दिमाग के उपरी भाग आंतरीक भाग के रक्त स्त्राव का होना ।
- सबडूरल हेमरेज (Subdural Hemorrhage) – मस्तिष्क के आंतरिक भाग डूरा और उपरी हिस्से के मध्य रक्त स्त्राव का होना ।
- एपिडूरल हेमरेज (Epidural Hemorrhage)- मस्तिष्क के अंदरूनी और खोपड़ी के उपरी भाग में रक्त का स्त्राव होना।
ब्रेन हेमरेज के कारण – Due to Brain Hemorrhage in Hindi
- सिर में गहरी चोट लगना – कम या अधेड उर्म में सिर पर चोट लगन से मस्तिष्क में रक्त का स्त्राव ।
- बी.पी. हाई उच्च रक्त चाप होना – ब्रेन हेमरेज होने का सबसे अधिक कारण बी.पी हाई होना होता है।
- ब्रेन टयूमर – सीर में फॉड़ा होना ।
- लीवर की समस्या होना – लीवर की समस्या में भी ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा होता है।
- रक्त स्त्राव के कारण नलिकाओं का कमजोर होना – मस्तिष्क के अंदरूनी भाग में रक्त नलिकाओं के फटने से रक्त
नलिकाए कमजोर हो जाती है।
- गलत दवाइयों सेवन करना – डॉ. से सलाह लिए बगेर दंवा गोली का उपयोग करने या ऐक्सपायरी दंवा का सेवन करने
से भी ब्रेन हेमरेज का शिकार हो सकते है।
- मस्तिष्क में रक्त का थक्का बनना – किसी चोट या एक्सिडेंट के कारण सिर में गहरी चोट लगने से रक्त थक्के
बनने के कारण भी ब्रेन हेमरेज हो सकता है।
ब्रेन हेमरेज का परिक्षण – Brain Hemorrhage Test in Hindi
ब्रेन हेमरेज का पता लगाना कुछ हद तक मुशिकल हो सकता है। क्योंकि कहीं बार ब्रेन हेमरेज के लक्षण नहीं
दिखाई देते लेकिन ब्रेन हेमरेज के लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त जांच करवाना जरूरी होता है। जो निम्न प्रकार है।
- सी.टी. स्कैन
- एमआर आई स्कैन
गंभीर स्थिती में जब ब्रैन हेमरेज की पुष्टी करना मुश्किल हो जाता है तो स्पाइनल टैप कि आवश्यकता भी
पढ़ सकती है। जिसमें रिड कि हडडी का से सेम्पल लिया जाता है।
ब्रेन हेमरेज से कैसे बचें – How to Avoid Brain Hemorrhage in Hindi
निम्न उपाये करके ब्रेन हेमरेज से बचा जा सकता है।
नशा करने से बचें – निकोटिन, ऐल्कोहॉल, ड्रग्स के उपयोग से बचें क्योंकि किसी भी नशे का सेवन करने से इसका पहला
- प्रभाव दिमाग पर ही पड़ता जिससे रक्त स्त्राव होने की संभावनाऐ बढ़ जाती है।
- सर चोट से बचें – जैसे मोटर बाईक चलाते समय हेलमेट का उपयोग करें ।
- उच्च रक्तचाप हाई बी.पी. से बचें – ब्रेन हेमरेज के अभी तक के विशलेषण से यह पता चला है की 80 से 85 प्रतिशत
व्यक्तियों में ब्रेन हेमरेज का कारण ब्लड़ प्रेशर ही होता है।
- सर्जरी (operation)- ब्रेन हेमरेज के लक्षण दिखने और रक्त स्त्राव होने की स्थिती में सर्जरी बहुत ही जरूरी है।
- अवैध दवां का सेवन – अवैध दवां के सेवन से बचें डॉ. की सलाह के बगेर किसी दवां का सेवन ना करें।
- मधुमेह (Diabetes) से बचें ।
- शरीर का फेट और कोलेस्ट्रॉल से बचें।
ब्रेन हेमरेज का इलाज – Treatment of brain Hemorrhage in Hindi
ब्रेन हेमरेज बहुत ही गंभीर समस्या है। ब्रेन हेमरज की समस्या में रक्त नलिका के फटने से रक्त स्त्राव होता है।
जिसके चलते बहुत ही तेज सरर्दद होता है। या फिर अचानक से बेहोश होने के लक्षण सामने आते है। एसी स्थिती
में मरीज को तुरंन्त अस्पताल ले जाना ही उच्चित होता है।
जहा मरीज का उपचार करने से पहले उसका जिए सी.टी. स्कैन टैस्ट किया जाता है जिससे रक्त स्त्राव होने वाली नलिका
का पता लगाया जा सकें। मस्तिष्क में होने वाले रक्त स्त्राव होने पर ज्यादातर केस में सर्जरी का होना बहुत जरूरी होता
है। परन्तु निरिक्षण के बाद अगर गंभीर स्थिती नहीं दिखाई देती तो डॉ. ब्रेन हेमरेज उपयोगी दवां के माध्यम और
फिजिकल थेरेपी की मदद से भी ब्रेन हेमरेज को ठीक किया जा सकता है।
ब्रेन हेमरेज के घरेलू उपाय – Home Remedies for Brain Hemorrhage in Hindi
- ब्रेन हेमरेज के मरीजो के लिए लहसुन, प्याज , अदरक बहुत ही उपयोगी है। इन तीनों का रस निकाल कर और
रस से दौ गुना गुलाब जल मिलाकर 4-4 बूंद ऑख में और 10 से 15 बूंद में नाक में डालने से ब्रेन हेमरेज की
समस्या में बहुत लाभ मिलता है।
- गाय के घी को हल्का गर्म करके दिन में एक बार नाक में डालकर अंदर की और खीचने से व्यक्ति के दिमाग
में जमें हुए रक्त के थके का समाप्त कर देता है। गाय का घी जितना पूराना हो उतना ही अच्छा होता है।
ब्रेन हेमरेज मे उपयोगी योग – Useful Yoga in Brain Hemorrhage in Hindi
कपाल भाति – इस प्राणायाम में सांस को नाक की सहायता से झटके से बाहर निकाला जाता है।
अर्लोम विर्लोम – इस योग के लिए पालती लगाकर अराम से बेठकर नाक के एक छेद को हात की सहायता से दबाकर
दूसरे छेद के द्वारा छोड़ा जाता है।
भ्रांमरी – लम्बा सांस भरे और हाथ के अंगूठो की सहायता से दोनो कानो को आराम से दबायें और मुख को बंद करके
ओउम् शब्द का नाद करते हुए नाक से सांस छोड़े ।
ब्रेन हेमरेज का होम्योपैथी इलाज – Homeopathy treatment for brain hemorrhage in Hindi
अर्निका टिंचर (Arnica Tincture)-ब्रेन हेमरेज के उपचार में अर्निका टिंचर लोशन की सूती पटटी को सीर रखा जाता
है। अर्निका टिंचर की गोलिया भी देते। जिससे रक्त स्त्राव को रोकने में सहायक हाती है।
मिलीफालियम और फैरमफॉस (Millifelium and Ferrumphos)– अगर रक्त स्त्राव कि गंभीर स्थिती में इन दवांओ
को दिया जाता है।
अन्य दवाओं का उपयोग ब्रेन हेमरेज के प्रकार पर निर्भर करता है कि मरीज को किस प्रकार का ब्रेन हेमरेज हुआ है।
उसके अनुरूप दवांए दि जाती है।