पेट में जलन – Acidity in Hindi

Acidity ( पेट की जलन ) इसे पेट की अम्लता भी कहते है। ज्यादातर लोग इस समस्या से पीड़ित है पेट की

गैस को कोई विषेश बीमारी भी नही कह सकते क्यों कि एसिडीटी की समस्या स्वयं अनेको बीमारीयां होने

का कारण है। एक रिसर्च में द न्यू इडियन एक्सप्रेस रिपार्ट के अनुसार भारत में लगभग 2 करोड़ लोग ।

एसिडीटी पेट में जलन से पीड़ित है। जो एक गंभीर विषय है क्योंकि बदलते लाईफ स्टाईल के चलते

Acidity (पेट में जलन )की समस्या गंभीर होती जा रहीं है। लकिन मेरा मानना है की इस लेख को पूरा पड़ने के बाद

एसिडिटी की समस्या से सम्पूर्ण तरीके से निजात पा सकेंगे ।

एसिडिटी क्या है ? What is Acidity in Hindi

पेट में गैस बनने का कोई एक निश्चित कारण नहीं हैं एसिडिटी भोजन का पूर्ण रूप से पाचन नहीं होने से भी हो सकती है।

क्योंकि हमारे शरीर के द्वारा भोजन का पूर्ण रूप से पाचन ना होने पर अपशिष्ट पदार्थो को बाहर निकालने मे

असमर्थ हो जाता है। और शरीर में उपस्थित आतों में ही पाचक रसो के साथ सड़ कर गंघ के रूप में शरीर में

उपस्थित वायु में मिलकर सम्पूर्ण शरीर में एसिडिटी का कारण बन जाता है।

पेट में जलन होने के कारण – Due To Acidity in Hindi

Acidity पेट में गैस होना जैसा की मेने पहले भी बताया है की एसिडीटी का कोई एक मुख्य कारण नहीं है

यह पूर्णतः हमारे जीवन शैली ( life style ) पर निर्भर करती है। जैसा की रोजमर्रा की जीवन में क्या खाते है,

कैसे खाते है , शारीरिक व्यवस्था इन सब पर एसिडिटी के कारण निर्भर करते है। जैसे

अधिक मात्रा में भोजन करना ( Overeating )-एसिडीटी का मुख्य कारण अधिक भोजन करना है।
समय पर भोजन नही करना –

वर्तमान समय में व्यस्थ जिवन शैली के चलते व्यक्ति अपने खान- पान पर ध्यान ही नही देते हमारे जीवन में शरीर

को स्वस्थ रखने के लिए समय-समय पर शरीर की आवश्यकता के अनुसार भोजन के साथ-साथ आवश्यक तत्वों

की भी जरूरत होती हैं। परन्तु समय पर भोजन की पूर्ती ना होने से यह एसिडिटी ( पेट में जलन ) का कारण बन जाताहै।

अधिक चटपटा खाना

एसिडिटी पेट में जलन की समस्या अधिक मसालेदार तीखा भोजन करने से भी हो सकती है।

भोजन में नमक का उपयोग –

भोजन में सभी प्रकार के मसालो का उचित मात्रा में उपयोग करना चाहिए क्योंकि भोजन में नमक कम होने पर

उपर से नमक का उपयोग भी एसिडिटी का कारण हो सकता है।

बाहरी भोजन/जंक फूड

पेट मे जलन की समस्या जंक फूड का अधिक सेवन करने से भी हो सकती है क्योकि बाहर के भोजन मे

मेदा , चिज , अधिक फेट युक्त तली हुई वस्तुओं के सेवन से एसिडिटी की समस्या होती है।

शराब का पीना – अधिक शराब के सेवन से भी एसिडिटी होती हैं।
चाय / कॉफी –

खाली पेट में चाय या कॉफी का सेवन करने से भी पेट मे जलन ’’ एसिडिटी ’’ की समस्या होती है।

मंसाहारी भोजन – (Nonveg Foods)

पकाने के लिए अधिक मात्रा में तेल व मसालो का उपयोग किया जाता है। और यह अधिक फेट युक्त भी होता है।

इसलिए ( Nonveg ) को पचने में अधिक समय लगता है। और यह पेट में जलन का कारण बन जाता है।

तम्बांकू / गुटखा-

तम्बांकू में निकोटिन होता है इसे सेवन करने पर भूख-प्यास समाप्त हो जाती है। जिससे एसिडिटी अधिक प्रभावित होती है।

गर्भावस्था – औरतो में गर्भावस्था के दौरान गैस की समस्या अधिक देखने का देखने को मिलती है।

एसिडिटी के लक्षण – Symptoms of Acidity in Hindi

एसिडिटी जब किसी व्यक्ति के शरीर में गैस्ट्रिक ग्रन्थियों द्वारा अधिक मात्रा में Hcl ( हाइड्रो क्लोरिक एसिड ) निकलता है

जो गैस का ही रूप होता है।

1. सिर दर्द होना

2. सिने मे जलन होना

3. पेट फूलना

4. खट्टी डकारे आना

5. गले मे जलन होना

6. उल्टी होना

7. जि मचलना

8. घबराहट होना

9. पेट में दर्द होना

10. मुहं मे ढकार के साथ पानी आना

11. चक्कर आना

12. भूख न लगना

13. मुंह पाक ” मुह में छाले होना “

एसिडिटी से बचनें के उपाय – Measures to Avoid Acidity in Hindi

पेट में जलन ( Acidity )से बचना और इसे समाप्त करना कोई कठिन कार्य नहीं है। क्योकि एसिडीटी कोई विशेष बीमारी

नहीं है। यह तों व्यक्तियों द्वारा अपने शरीर के प्रति कि गई अनदेखी का नतीजा है। जिसके चलते व्यक्तियों कों बहुत

गभीर बीमारीयों का सामना करना पड़ता है।

रात का भोजन – पेट में जलन एसिडीटी से बचने के लिए आपको रात का भोजन 6 से 7 बजे ही खाना चाहिए क्योकि

सोने से पहले दो या तीन बार पानी पी सकें

पेट के खाली रहने से बचे – एसिडीटी से बचने के लिए खाली पेट ना रहे और ठंडा भोजन भी ना करें।

अधिक भोजन ना करे – भोजन को एकसाथ कभी ना करें भोजन को दिन में दो से तीन भागो में करे एसिडीटी

होने का खतरा नही होता

चाय/ कॉफी का उपयोग – खाली पेट चाय या कॉफी का सेवन करने से गैस “ एसिडीटी ” की समस्या अधिक होती है।

इनका कम सेवन करें दें।

व्यायाम /योगा करें – आरामदायक जीवन को त्याग कर रोजाना व्यायाम, योगा करने व सुबह के समय घूमने की आदत डाले ।

मांसाहारी भोजन – नॉनवेज फूड का उपयोग कम कर दे सप्ताह में एक दिन चुन लें।

बाहरी भोजन ( Fast Food )- फॉस्ट फूड मे हाई केलोरी से बने होते है। इन्हैं आसानी सें पचाने में परेशानी होती

है। जिसके कारण फेट बढ़ने की समस्या अधिक हो जाती है। और यह एसिडीटी का कारण बन जाते है।

इसलिए फास्ट फूड का सेवन कम कर दें।

सलाद का सेवन करें – भोजन मे सलाद का उपयोग करना चाहिए क्योंकि इन्हैं पचाने में आसानी होती है।

जिससे पेट मे जलन की समस्या उत्पन्न नहीं होती ।

पेट में जलन के घरेलू उपाय -Home Remedies for Acidity in Hindi


एसिडीटी को आप लोग घरेलू उपायों से भी ठीक कर सकते है। इसलिए हम आप को उन सभी वस्तुओं के नाम और

उपयोग की सम्पूर्ण जानकारी दें रहैं।

अमरूद –

इसके सेवन से भोजन आसानी से हजम हो जाता है। और पेट मे गैस एसिडीटी जैसी समस्या भी नही होती

अमरूद को रोज शाम के भोजन के समय सलाद के रूप में भी उपयोग कर सकते है।

मूली –

खाने में मूली का उपयोग करे क्योकि मूली का सेवन करने से भी एसिडीटी की समस्या नही होती है।

अज्वांइन –

एसिडीटी अधिक होने पर 4 से 5 ग्राम अज्वाइन को तवे पर सेक कर खाने से तुरन्त आराम मिलता है।

दूध –

रात को सोते समय एक गिलास दूध पी कर सोए एसा करने से भी एसिडीटी की समस्या नही होती है।

लेकिन ध्यान रखे की दूध ठड़ा होना चाहिए।

बेकिंग सोड़ा –

एक गिलास पानी में खाने का मिठठा सोड़ा मिलाकर पिने से भी तुरत एसिडीटी की समस्या समाप्त होती है।

छाछ –

आप अपने भोजमे छाछ को भी शामिल करे क्योंकि इसके अन्दर लैक्टिक एसिड होने कारण भोजन को पूर्णतः पचाकर

पेट में बनने वाली एसिडीटी को जड़ से समाप्त कर देती है। छाछ में चूटकी भर काली मिर्च और काला नमक मिलाकर पिए ।

तुलसी –

यह एक ऐसा औषधिय पौधा है जिसका उपयोग अनेक रोगो के उपचार में किया जाता है शायद ही ऐसा कोई रोग हो

जिसमें तुलसी का उपयोग नहीं किया जाता हो

लेकिन गैस कि समस्या से निजात पाने के लिए तुलसी के 5 से 6 पत्ते रोजाना सेवन करने से एसिडीटी जड़ से समाप्त समाप्त हो जाती है।

पेट में जलन के आयुर्वेदिक उपाय – Ayurvedic Remedy For Acidity in Hindi

एलोवेरा जूस – एलोवेरा को छिलकर इसमें पानी मिलाकर जूस बनाकर रोजाना 1 कप सेवन करने से भी पेट की गैस को खत्म कर सकते है।

त्रीफला – ( हरड़ , बेहड़ , ऑवला ) तीनो फलो के मिश्रण को त्रीफला कहते इसे रात को सोने से पहले गुनगुन पानी के साथ

1 छोटा चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से एसिडीटी में तुंरत आराम मिलता है।

ईसबगोल – रात को सोते समय एक छोटा चम्मच ईसबगोल की भूस्सी को गुनगुने पानी के साथ सेवन करें एसिडीटी कीसमस्या समाप्त हो जाती है।

पेट में जलन का होम्योपैथी इलाज – Homeopathy Treatment For Acidity in Hindi

एंटी.एसिड – इसे ( साधारण एटीएसिड ) भी कहते है। यह आपके पेट के द्वारा बनाये गये अम्ल को खत्म करके एसिडीटी

को समाप्त करने का कार्य कारता है। यह आसानी से केमिस्ट के यहॉ मिल जाती है।

अम्ल कम करने वाली दवांए – आपके पेट में होने वाले अधिक अम्लता के प्रभाव को कम करने के लिए दो तरह की

दवांओ का उपयोग किया जाता है।

1 प्रोटोन पंप इनहिबिटर

2 हिस्टामिन रिसेप्टर एंटागोनिस्ट

होम्योपैथी यह दोनो दवाएं एसिडीटि के इलाज के लिए कारगर है।

एसिडीटी की जॉच -Acidity Test in Hindi

पेट में जलन एसिडीटी की जॉच करने के लिए निम्न तरीके अपनाए जाते है।

एडोस्कोपी – यह एक विशेष प्रकार का कैमरा होता है जिसके द्वारा शरीर मे हो रही समस्याओ का पता लगया जाता है।

बरियम एक्स-रे – इस विधी में पेशेंन्ट को चुना युक्त एक विशेष पेय पदार्थ पिलाया जाता है। जिसके कारण मरीज के

किये गये टेस्टो को आसानी से देख सकें

बायोस्कोपी – जांच के लिए सेंपल लेने का कार्य किया जाता है।

पी एच मॉनिटरींग – इस जांच के जरीय शरीर में उपस्थि अम्ल की गति का माप लिया जाता है ।

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